रांची: झारखंड में चर्चित शराब घोटाला मामले में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की कार्रवाई लगातार जारी है। इस सिलसिले में विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत ने निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे सहित पांच आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ाकर 9 जून 2025 तक कर दी है। सभी आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई गई।
हिरासत में शामिल अधिकारी
इस मामले में हिरासत अवधि बढ़ाए गए आरोपियों में निलंबित आईएएस विनय चौबे, तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह, जेएसबीसीएल (JSBCL) के अधिकारी सुधीर कुमार, और तत्कालीन वित्त महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास शामिल हैं। इन सभी को 20 मई को एसीबी ने गिरफ्तार किया था। इनकी 14 दिनों की हिरासत अवधि पूरी होने पर अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद न्यायालय ने हिरासत को 9 जून तक बढ़ाने का आदेश दिया।
क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, झारखंड में वर्ष 2022 में लागू की गई नई उत्पाद नीति छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित थी। इस नीति के लागू होते ही राज्य में छत्तीसगढ़ के एक कथित शराब सिंडिकेट का प्रभाव बढ़ गया। थोक शराब बिक्री पर इस सिंडिकेट का कब्जा हो गया था। छत्तीसगढ़ में पहले प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रांची एसीबी ने 2024 में प्रारंभिक जांच (PE) शुरू की थी, जिसमें आरोप सही पाए जाने पर विजिलेंस ने 2025 में मामला संख्या 09/2025 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
पूछताछ से गायब रहे मार्शन कंपनी के अधिकारी
इधर, इस घोटाले से जुड़ी मैनपावर सप्लाई करनेवाली कंपनी मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी के तीन अधिकारी मंगलवार को पूछताछ के लिए एसीबी मुख्यालय नहीं पहुंचे। इनमें जगन ठाकुराम देशाई, कमल जगन देसाई, और शीतल जगन देसाई शामिल हैं। इनके अनुपस्थित रहने के कारण एसीबी द्वारा निर्धारित पूछताछ नहीं हो सकी। अब इन्हें दोबारा नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
अब आगे क्या?
शराब घोटाले की जांच में एसीबी और विजिलेंस टीम के सामने कई और परतें खुलने की संभावना जताई जा रही है। जिन अधिकारियों से पूछताछ बाकी है, उन्हें जल्द तलब किया जाएगा। जांच एजेंसी इस बात की पड़ताल में जुटी है कि शराब वितरण और बिक्री प्रणाली में किन-किन स्तरों पर भ्रष्टाचार और सांठगांठ की गई थी।