रांची: राजधानी रांची में ड्रग्स के खिलाफ पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद नशे का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि अब इस गंदे धंधे में महिलाओं की सीधी भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। पुलिस के अनुसार, पहले जो महिलाएं केवल ड्रग्स की डिलीवरी या डिस्ट्रीब्यूशन तक सीमित थीं, अब वे सीधे इस अवैध धंधे की प्रमुख खिलाड़ी बनती जा रही हैं।
महिला तस्करों की संख्या में तेजी से इजाफा
राज्य भर में पुलिस द्वारा की जा रही जांच और छापेमारी में यह खुलासा हुआ है कि ड्रग्स पैडलिंग में महिलाओं की भागीदारी पहले से कहीं अधिक हो गई है। रांची डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि हाल ही में कोतवाली थाना क्षेत्र से एक महिला को गिरफ्तार किया गया है, जो खुद ड्रग्स खरीदकर अन्य महिलाओं से उसका वितरण करवा रही थी।
मुनाफे की लालच में अपराध की राह
जानकारों के अनुसार, पहले महिलाएं डिस्ट्रीब्यूशन के एवज में 500 से 1000 रुपये तक कमाती थीं, लेकिन जब उन्हें मुनाफे की असलियत का पता चला तो कई महिलाएं सीधे कारोबार में कूद पड़ीं। अब वे खुद मादक पदार्थों की खरीदारी कर रही हैं और सप्लाई का नेटवर्क बना रही हैं।
पुलिस से बचाव का नया तरीका: महिला तस्करी
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि ड्रग्स तस्कर पुलिस की नजर से बचने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल करते हैं। महिलाएं अपने कपड़ों में गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर और नशीली गोलियों को छिपाकर ग्राहक तक पहुंचाती हैं। सार्वजनिक स्थानों पर उन्हें पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है, हालांकि पुलिस ने इसके लिए भी रणनीति तैयार की है।
प्यार के जाल में फंसाकर तस्करी
रांची में नशे का एक और खतरनाक पहलू सामने आया है – कई युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उन्हें ब्राउन शुगर बेचने पर मजबूर किया गया। कोतवाली और सुखदेवनगर क्षेत्र से गिरफ्तार सेजल खान और सूरज कुमार से पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि सूरज ने पहले सेजल को प्रेमजाल में फंसाया, फिर उसे ड्रग्स तस्करी में धकेल दिया। यही नहीं, सेजल की बहन को भी इस धंधे में शामिल कर लिया गया था।
पहले ड्रग एडिक्ट, फिर तस्कर
पुलिस रिकॉर्ड्स में दर्ज कई मामलों में यह देखा गया है कि लड़कियों को पहले नशे का आदी बनाया जाता है, फिर उन्हें इस अवैध कारोबार में शामिल किया जाता है। 2023 में पंडरा इलाके से एक मां-बेटी को 100 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया गया था। जांच में सामने आया कि बेटी अनु पूर्ति खुद एडिक्ट थी और उसकी मां एनी बरला – जो पेशे से एक शिक्षिका थीं – ने ही उसे इस अपराध में धकेला।
मॉडल से लेकर आम महिला तक शामिल
ड्रग्स तस्करी में सिर्फ आम महिलाएं ही नहीं, बल्कि मॉडल्स और पढ़ी-लिखी महिलाएं भी शामिल हैं। चर्चित मॉडल ज्योति भारद्वाज को दो बार ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया गया। दूसरी बार उसकी मां को भी पकड़ा गया। 2024 में उर्मिला देवी और उसके बहनोई केसवर हजाम को भी गिरफ्तार किया गया जो साथ मिलकर ड्रग्स बेचते थे। झारखंड एटीएस ने भी महिला ड्रग पैडलर सुनीता देवी को गिरफ्तार किया था।
अब भी सक्रिय हैं कई महिला तस्कर
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, अभी भी रांची में 12 से अधिक महिला ड्रग्स तस्कर सक्रिय हैं। 250 से 500 रुपये में एक पुड़िया ब्राउन शुगर धड़ल्ले से बिक रही है। इस्लामनगर, कर्बला चौक, डोम टोली, हिंदपीढ़ी, मधुकम, पुंदाग, आईटीआई बस स्टैंड जैसे क्षेत्रों में ड्रग्स की उपलब्धता आसान हो चुकी है।
पुलिस की सतर्कता और कार्रवाई
एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के अनुसार, महिलाओं के माध्यम से हो रहे इस अपराध के प्रति पुलिस पूरी तरह सतर्क है। पिछले दो वर्षों में करोड़ों रुपये के नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं और दर्जनों महिला तस्करों को जेल भेजा गया है। कुछ के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है और संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
रांची में ड्रग्स तस्करी का यह बदला हुआ चेहरा बेहद खतरनाक और चिंताजनक है। खासकर तब, जब महिलाएं – चाहे मजबूरी हो या लालच – इस अपराध का हिस्सा बनती जा रही हैं। हालांकि पुलिस की मुहिम लगातार जारी है, लेकिन समाज को भी मिलकर इस जहर को खत्म करने की जरूरत है।