कोरोना वायरस एक बार फिर से अपने पैर पसारने लगा है. इस बार यह नए रूप यानी JN.1 वैरिएंट के साथ सामने आया है, जिसने देश के 11 राज्यों में दस्तक दे दी है. इन राज्यों में दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, राजस्थान और कर्नाटक शामिल हैं. चिंता की बात यह है कि जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहर में इन राज्यों से रोजाना सैकड़ों लोग आते-जाते हैं. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. पूर्वी सिंहभूम जिले में वर्ष 2020 में भी सबसे पहला कोरोना मरीज चाकुलिया प्रखंड में मिला था, जो कोलकाता से लौटा था. ऐसे में प्रशासन अब पहले से ज्यादा सतर्क हो गया है.
सतर्कता बढ़ाई गई, सर्विलांस विभाग को अलर्ट
फिलहाल झारखंड में JN.1 वैरिएंट का कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया है, लेकिन बाहर से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने सर्विलांस टीम को अलर्ट कर दिया है. किसी भी संदिग्ध लक्षण या जानकारी को तुरंत विभाग को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल के मुताबिक, “बाहर से आने वाले यात्रियों की निगरानी बढ़ाई जा रही है. लोगों से अपील है कि बुखार, खांसी, दस्त या गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. कोरोना काल सभी ने देखा है, इस बीमारी की गंभीरता को हल्के में न लें.”
एमजीएम में हटाया गया था अस्थायी अस्पताल और ऑक्सीजन प्लांट
पहली लहर के समय जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में 100 बेड का अस्थायी कोविड अस्पताल बनाया गया था. इसके अलावा प्रधानमंत्री राहत कोष से अस्पताल में एक ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया गया था. लेकिन अब यह दोनों हटाए जा चुके हैं. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि नए भवन निर्माण के चलते इन्हें हटाया गया है. हालांकि, पूर्वी सिंहभूम जिले में अभी भी पांच ऑक्सीजन प्लांट सक्रिय हैं. यह प्लांट सदर अस्पताल, मर्सी अस्पताल, घाटशिला अनुमंडल अस्पताल और चाकुलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थापित हैं. एमजीएम को छोड़कर सभी जगह ये प्लांट चालू हालत में हैं.
क्या हैं JN.1 वैरिएंट के लक्षण?
कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के लक्षण पुराने वायरस जैसे ही हैं. इनमें बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, भूख न लगना, दस्त और अन्य पाचन संबंधी परेशानियां शामिल हैं. यह लक्षण दिखने पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए. तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
बचाव ही सबसे बेहतर उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही इस बार केस की संख्या कम हो, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है. लोगों को निम्नलिखित सावधानियां अपनानी चाहिए:
• भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत बनाएं.
• सामाजिक दूरी बनाए रखें.
• लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेट करें और डॉक्टर से मिलें.
• डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लें.
जनता को चाहिए जिम्मेदारी
कोरोना ने दुनिया को यह सिखा दिया है कि एक छोटी सी चूक भी बड़ी समस्या बन सकती है. आज भले ही हालात नियंत्रण में दिख रहे हों, लेकिन हमें वही पुरानी गलतियां नहीं दोहरानी चाहिए. खासकर जब नया वैरिएंट सामने आया हो और यह तेजी से फैल रहा हो. सामान्य सर्दी-जुकाम को हल्के में न लें, विशेष रूप से तब जब यह लंबे समय तक बना रहे. अगर दो से तीन दिन तक बुखार, खांसी या दस्त जैसी समस्याएं बनी रहें तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं.