झारखंड में शराब बिक्री को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. राज्य सरकार ने यह तय किया है कि 1 जुलाई 2025 से झारखंड में निजी दुकानदारों के माध्यम से शराब की खुदरा बिक्री शुरू कर दी जाएगी. यह फैसला नई उत्पाद नीति के तहत लिया गया है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है. इस बार सरकार ने बीते वर्षों की गलतियों से सबक लेते हुए, नीति को और भी प्रभावी व पारदर्शी बनाने का फैसला किया है. साथ ही सरकार की निगरानी में ही शराब की बिक्री की जाएगी, ताकि अवैध कारोबार पर लगाम लगाई जा सके.
ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को और मजबूत किया गया
नई उत्पाद नीति में “ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम” को पहले से ज्यादा मजबूत और प्रभावी बनाया गया है. इसका उद्देश्य बाजार में नकली या अवैध शराब की बिक्री पर पूरी तरह से नजर रखना है. अब उत्पाद विभाग हर शराब की बोतल को ट्रैक कर सकेगा कि वह किस डिस्ट्रीब्यूटर से कहां गई और उसकी गुणवत्ता क्या है. यह व्यवस्था सरकार को यह जानने में मदद करेगी कि किसी भी क्षेत्र में नकली शराब की खपत हो रही है या नहीं. इसके साथ ही उत्पाद रसायन प्रयोगशाला को भी सशक्त किया गया है. यहां नियमित रूप से शराब के नमूनों की जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जो शराब जनता को बेची जा रही है, वह गुणवत्तापूर्ण है. खुद उत्पाद मंत्री ने रांची स्थित प्रयोगशाला का निरीक्षण कर, विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया है ताकि तकनीकी रूप से इस व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके.
अवैध शराब सप्लाई पर कड़ी निगरानी
सरकार की योजना सिर्फ ट्रैकिंग तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश से झारखंड में होने वाली अवैध शराब की सप्लाई पर भी पूरी तरह से सख्ती की जाएगी. यह राज्य पहले से ही अवैध शराब सप्लाई के हॉटस्पॉट माने जाते हैं. इन राज्यों से आने वाली शराब को झारखंड की अवैध फैक्ट्रियों में दोबारा पैकेजिंग करके बाजार में उतार दिया जाता है, जिससे नकली शराब का कारोबार फैलता है और राजस्व का भी नुकसान होता है. हाल ही में पलामू जिले में एक बड़ी कार्रवाई के दौरान पुलिस ने करीब 5400 लीटर अवैध शराब जब्त की है. इस शराब को रेडीमेड कपड़ों से लदे एक ट्रक में छुपाकर पंजाब से लाया जा रहा था. इसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। इससे पहले भी पलामू जिले में अवैध शराब माफिया के खिलाफ कई बार कार्रवाई हो चुकी है.
पलामू से होकर बिहार तक अवैध शराब का रूट
पलामू जिला झारखंड में अवैध शराब का एक अहम ट्रांजिट पॉइंट माना जाता है. यहां से बिहार तक शराब की अवैध सप्लाई की जाती रही है. कई बार इस रूट का खुलासा भी हो चुका है. अब राज्य सरकार और उत्पाद विभाग ने तय किया है कि इस पूरे नेटवर्क पर नजर रखने के लिए खुफिया एजेंसियों को और भी ज्यादा सक्रिय किया जाएगा. इसका उद्देश्य न केवल गुणवत्ता सुनिश्चित करना है बल्कि राजस्व की हानि को भी रोकना है.
सख्त दिशा-निर्देश और कार्रवाई की तैयारी
उत्पाद विभाग के अधिकारी योगेंद्र प्रसाद ने हाल ही में एक बैठक में अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि नई नीति के तहत हर निजी दुकान की कड़ी निगरानी की जाएगी. यदि कोई दुकानदार अनियमितता करता है या नकली शराब बेचता है, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी. इस बार सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी.
सरकार की मंशा साफ: पारदर्शिता और सुरक्षा
हेमंत सरकार की यह नई नीति साफ दर्शाती है कि वह झारखंड में शराब व्यापार को पारदर्शी, सुरक्षित और नियंत्रण में रखना चाहती है. सरकार चाहती है कि शराब बिक्री से जो राजस्व आता है, वह पूरी तरह से सरकारी खजाने में जाए और किसी तरह का अवैध कारोबार न हो सके. इसके साथ ही जनता को भी गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित शराब मिले, यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है.