झारखंड में मानसून 2025: कब होगी एंट्री और कितनी होगी बारिश? जानिए पूरा अपडेट……

झारखंड के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. इस साल 2025 में मानसून समय पर दस्तक देने जा रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ताजा अनुमान के अनुसार, झारखंड में मानसून जून के पहले हफ्ते में प्रवेश कर सकता है. खास बात यह है कि इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है, जिससे गर्मी से जूझ रहे लोगों और खेती की तैयारी कर रहे किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है.

केरल से होगी शुरुआत, झारखंड तक पहुंचेगा मानसून

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल मानसून सामान्य से करीब चार दिन पहले ही केरल तट पर पहुंच जाएगा. आमतौर पर मानसून एक जून के आसपास केरल में प्रवेश करता है, लेकिन इस बार इसके 27 मई तक पहुंचने की संभावना है. केरल से झारखंड पहुंचने में मानसून को लगभग 10 से 12 दिन लगते हैं, ऐसे में झारखंड के साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में मानसून के आठ से नौ जून के बीच पहुंचने की पूरी उम्मीद है. झारखंड में मानसून का प्रवेश मुख्य रूप से साहिबगंज और पाकुड़ जिलों से होता है. इसके बाद धीरे-धीरे राज्य के अन्य जिलों में भी बारिश का असर दिखने लगता है. अगर सब कुछ मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार होता है, तो यह लगभग 10 साल बाद होगा जब मानसून झारखंड में समय पर पहुंचेगा.

सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने बताया है कि इस बार झारखंड में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. इससे जहां एक ओर गर्मी से राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर खेती की तैयारी कर रहे किसानों के लिए भी यह अच्छी खबर है. अच्छी बारिश के कारण खेतों में पर्याप्त नमी बनी रहेगी और धान की रोपाई के लिए समय पर पानी उपलब्ध होगा.

रोहिणी नक्षत्र में करें बिचड़ा की बुआई

कृषि विभाग के अनुसार, झारखंड में रोहिणी नक्षत्र 25 मई से शुरू होकर दो जून तक रहेगा। यह नक्षत्र धान की खेती के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है. विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि यदि वे इस दौरान अपने खेतों को जोतकर धान का बिचड़ा गिराते हैं, तो समय पर बारिश मिल जाएगी और पौधों को बढ़ने में काफी मदद मिलेगी.

बीजों की मांग और वितरण की योजना

कृषि विभाग ने बीज विनिमय वितरण योजना के तहत इस बार 5000 क्विंटल धान के बीज और 100 क्विंटल उड़द के बीज की मांग की है. ये बीज किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे. योजना के तहत केवल वही किसान लाभ ले सकेंगे, जो अपने प्रखंड के ब्लॉक चैन से जुड़े हुए हैं. जिन किसानों का अब तक पंजीकरण नहीं हुआ है, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए उन्हें अपने प्रखंड के अंचलाधिकारी से संपर्क कर आवश्यक जमीन के कागजात जमा कर निबंधन कराना होगा. अंचलाधिकारी से प्रमाण पत्र मिलने के बाद किसान प्रज्ञा केंद्र में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके लिए एक नाममात्र शुल्क देना होता है.

पिछले साल का अनुभव

पिछले वर्ष लगभग 3500 किसानों के बीच 1589 क्विंटल धान के बीज का वितरण किया गया था, जिसे विभिन्न लैम्पस (LAMPs) के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया गया था. इस बार बीज की मांग पहले से अधिक की गई है ताकि अधिक किसानों को लाभ मिल सके. स्वीकृति मिलते ही बीज संबंधित लैम्पस में भेज दिए जाएंगे और किसान इन्हें आसानी से प्राप्त कर सकेंगे.

कृषि विभाग की अपील

साहिबगंज के जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का ने बताया कि इस बार समय पर मानसून आने की संभावना है, इसलिए किसान पहले से तैयारी शुरू कर दें. उन्होंने कहा कि जैसे ही रोहिणी नक्षत्र शुरू हो, किसान बिचड़ा गिराना शुरू करें ताकि मानसून की बारिश का पूरा लाभ मिल सके. साथ ही, उन्होंने बताया कि उड़द बीज की भी मांग की गई है और इसे भी 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को दिया जाएगा.

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