Jamshedpur: दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में कुछ समय पूर्व देखा गया बाघ ‘सम्राट’ अब वहां मौजूद नहीं है। वन विभाग द्वारा की गई गहन जांच, ट्रैप कैमरों की निगरानी और लोकेशन ट्रैकिंग के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि ‘सम्राट’ अब दलमा के जंगलों में नहीं है।
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वन अधिकारियों के अनुसार, ट्रैप कैमरों में बाघ की कोई हालिया तस्वीर नहीं मिली है। इससे बाघ की वर्तमान उपस्थिति पर गंभीर संदेह उत्पन्न हो गया है। डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया, “फिलहाल दलमा में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि नहीं हो रही है, हालांकि पहले उसके मूवमेंट के संकेत मिलते रहे हैं। अभी वह किस दिशा में गया है, इसका पता नहीं चल पाया है।”
इस बीच, खूंटी जिले और चांडिल क्षेत्र में बाघ के पंजों के ताजे निशान देखे गए हैं। इन संकेतों ने इन क्षेत्रों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय ग्रामीणों में भय का वातावरण है और लोग सतर्कता बरत रहे हैं।
वन विभाग ने बाघ की संभावित मौजूदगी वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। कुछ संवेदनशील इलाकों में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है और वहां अस्थायी गेट भी स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा गश्त और ट्रैकिंग की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि दलमा में सेंदरा अभियान के बाद जब बाघ के मूवमेंट की लोकेशन ट्रैकिंग की गई, तो भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी। वन विभाग अब खूंटी और चांडिल क्षेत्र में खोज अभियान चला रहा है।
बाघ ‘सम्राट’ की तलाश जारी है और वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि यदि बाघ के मूवमेंट या किसी प्रकार के निशान दिखें, तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें और स्वयं खतरे में न पड़ें।