मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना के अंतर्गत राज्य सरकार 18 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. इस योजना के तहत लाभार्थियों को पहले 1,000 रुपये प्रति माह दिए जा रहे थे, लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रतिमाह कर दिया. जनवरी 2025 से यह नई राशि लागू कर दी गई है. अब तक लाभार्थियों को एक साथ तीन महीने की दो किस्तें मिल चुकी हैं, जिससे उन्हें कुल 15,000 रुपये का लाभ मिला है. अब राज्य के लगभग 43 लाख महिला लाभार्थी अप्रैल और मई की किस्त का इंतजार कर रही हैं. खबर है कि सरकार की ओर से तैयारी चल रही है कि 15 मई से पहले इन लाभार्थियों को दो महीने की संयुक्त किस्त के तौर पर 5,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए जाएं. इससे पहले होली से पहले करीब 38 लाख महिलाओं को तीन महीने की किस्त भेजी जा चुकी है.
अभी भी जारी है अपात्र लाभार्थियों की जांच
मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलना है जो इसके लिए योग्य हैं. इस वजह से बड़ी संख्या में अपात्र लाभार्थियों की पहचान की जा रही है और उनके खातों की जांच हो रही है. बताया गया है कि अभी भी करीब 13 लाख से अधिक महिलाओं की पात्रता और बैंक खाते की जानकारी का वेरिफिकेशन किया जा रहा है. पहले जब किस्त जारी की गई थी, तब लगभग 18 लाख महिलाओं को उनके दस्तावेजों में गड़बड़ी के कारण भुगतान नहीं मिल पाया था. बाद में जांच के बाद इनमें से 5 लाख को भुगतान मिला, लेकिन बाकी 13 लाख महिलाओं की जांच प्रक्रिया अब तक जारी है. सरकार का कहना है कि जैसे ही जांच पूरी होगी, इन महिलाओं को भी बकाया राशि ट्रांसफर की जाएगी.
आधार सीडिंग का काम तेजी से चल रहा
महिलाओं को समय पर राशि मिल सके, इसके लिए सरकार आधार सीडिंग पर विशेष ध्यान दे रही है. राज्य भर में विशेष शिविर लगाकर बैंक खातों को आधार से जोड़ा जा रहा है. कई जिलों में यह काम 5 मई तक पूरा कर लिया जाएगा. राजधानी रांची में 29 अप्रैल को एक दिवसीय विशेष शिविर आयोजित किया गया था, जहां बड़ी संख्या में महिलाओं ने पहुंचकर अपने खाते अपडेट कराए. बिना आधार सीडिंग के भुगतान प्रक्रिया में रुकावट आती है, इसलिए सरकार चाहती है कि सभी लाभार्थियों के बैंक खाते आधार से जुड़े हों. इससे फर्जीवाड़ा भी रोका जा सकेगा और पात्र लाभार्थियों को बिना देरी के पैसा मिल सकेगा.
योजना का अब तक का सफर
मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना की शुरुआत अगस्त 2024 में हुई थी. उस समय महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये दिए जा रहे थे. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सामाजिक रूप से सम्मान देना था. बाद में सरकार ने इस योजना को और सशक्त बनाते हुए इसकी राशि जनवरी 2025 से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दी. अब तक सरकार ने दो बार लाभार्थियों को एक साथ तीन-तीन महीने की राशि दी है, यानी एक बार में 7,500 रुपये और कुल मिलाकर 15,000 रुपये की सहायता ट्रांसफर की गई है. इससे लाखों महिलाओं को अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिली है.
लाभार्थियों को क्या करना होगा?
जिन महिलाओं को अब तक राशि नहीं मिली है या जिनके खाते में कोई समस्या है, उन्हें अपने नजदीकी शिविर में जाकर अपने दस्तावेज ठीक करवाने होंगे. बैंक खाता, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर अपडेट कराना जरूरी है. केवल उन्हीं लाभार्थियों को किस्त मिलेगी जिनका डाटा पूरी तरह सत्यापित होगा. सरकार ने स्पष्ट किया है कि 15 मई से पहले जिन महिलाओं की जानकारी पूरी तरह सही है, उन्हें अप्रैल और मई की 5,000 रुपये की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी. इसके बाद भी जो महिलाएं वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करेंगी, उन्हें अलग से राशि दी जाएगी.