झारखंड में बिजली हुई महंगी: ग्रामीण उपभोक्ताओं पर 40 पैसे और शहरी पर 20 पैसे प्रति यूनिट का बोझ

रांची: झारखंड में 1 मई 2025 से बिजली उपभोक्ताओं को अब अधिक दाम चुकाने होंगे। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई बिजली दरों की घोषणा कर दी है। इस निर्णय के तहत ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट बिजली दर में 40 पैसे और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 पैसे की बढ़ोतरी की गई है।

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नई दरों के अनुसार, ग्रामीण उपभोक्ताओं को अब 6.30 रुपए की जगह 6.70 रुपए प्रति यूनिट और शहरी उपभोक्ताओं को 6.65 रुपए के स्थान पर 6.85 रुपए प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा। हालांकि, फिक्स्ड चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

राज्य में कुल 50.80 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 40 लाख को मुफ्त बिजली मिलती है। ऐसे में केवल 10.80 लाख उपभोक्ताओं पर ही नई दरों का असर पड़ेगा। इनमें से लगभग 6.60 लाख शहरी उपभोक्ता हैं।
विभिन्न कैटेगरी के लिए नई दरें:

कैटेगरी पुरानी दर (प्रति यूनिट) नई दर (प्रति यूनिट) फिक्स्ड चार्ज
घरेलू ग्रामीण 6.30 रु. 6.70 रु. 75 रु.
घरेलू शहरी 6.65 रु. 6.85 रु. 100 रु.
घरेलू एचटी 6.25 रु. 6.40 रु. 150 रु.
कॉमर्शियल ग्रामीण 6.10 रु. 6.20 रु. 120 रु.
कॉमर्शियल शहरी 6.65 रु. 6.70 रु. 200 रु.
इंडस्ट्रियल एलटी 6.05 रु. 6.10 रु. 150 रु.
इंडस्ट्रियल एचटी 5.85 रु. 5.90 रु. 400 रु.
इंडस्ट्रियल स्पेशल 5.20 रु. 5.25 रु. 400 रु.
स्ट्रीट लाइट 7.00 रु. 7.00 रु. 250 रु.

छूट और अन्य घोषणाएं:

बिल मिलने के पांच दिनों के भीतर भुगतान करने पर उपभोक्ताओं को 2% की छूट दी जाएगी।

जिन उपभोक्ताओं का लोड फैक्टर 65% से अधिक होगा, उन्हें भी छूट मिलेगी।

कृषि उपभोक्ताओं के लिए कोई वृद्धि नहीं की गई है और उन्हें मीटर रेंट भी नहीं देना होगा।

प्रीपेड स्मार्ट मीटर अपनाने वाले उपभोक्ताओं को एनर्जी चार्ज में 3% की छूट मिलेगी।

सोलर और ग्रीन एनर्जी के लिए प्रोत्साहन:

इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों के लिए सोलर ऑवर (सुबह 9 से शाम 4 बजे) की दर 7.31 रु./यूनिट और नॉन-सोलर ऑवर की दर 8.77 रु./यूनिट तय की गई है।

ग्रीन एनर्जी की दर 8.37 रु./यूनिट मंजूर की गई है।
रूफ टॉप सोलर के लिए ग्रॉस मीटरिंग पर 4.16 रु./किलोवाट और नेट मीटरिंग पर 3.80 रु./किलोवाट की दर तय की गई है।

बिलिंग सिस्टम में सुधार का निर्देश:

आयोग ने जेबीवीएनएल को बिलिंग सॉफ्टवेयर में सुधार कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बिल न मिलने की स्थिति में फिक्स्ड चार्ज का स्वतः समायोजन किया जा सके। साथ ही प्रीपेड मीटर इंस्टॉल करने के एक महीने के भीतर उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी राशि वापस या बिल में समायोजित करने का निर्देश दिया गया है।

यह फैसला राज्य की आर्थिक और ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं पर न्यूनतम बोझ पड़े और विद्युत कंपनियों को भी संतुलन बनाए रखने में मदद मिले।

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