डॉ. राजकुमार ने दोबारा संभाला रिम्स का कार्यभार, पहले ही दिन लिए कई बड़े फैसले

रांची: झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद डॉ. राजकुमार ने मंगलवार को एक बार फिर रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) निदेशक का पद संभाल लिया। कार्यभार ग्रहण करते ही उन्होंने पहले ही दिन कई अहम निर्णय लेकर संस्थान की गतिविधियों को नई दिशा दी।

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MRI मशीन खरीद पर दी हरी झंडी, मंत्री के फैसले को पलटा

निदेशक के पद पर वापसी के साथ ही डॉ. राजकुमार ने सबसे पहले MRI मशीन की खरीद से जुड़े मामले में हस्तक्षेप किया। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी द्वारा GB (गवर्निंग बॉडी) की बैठक में लिए गए निर्णय को पलटते हुए डॉ. राजकुमार ने टेंडर प्रक्रिया में चयनित एजेंसी को लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) जारी करने का आदेश दे दिया। उन्होंने कहा कि यह फैसला कैबिनेट स्तर पर लिया गया था और इसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, जिसे किसी स्तर पर रोका नहीं जा सकता। डॉ. राजकुमार ने स्पष्ट किया कि मंत्री को छोड़कर बाकी सभी सदस्यों ने इस पर सहमति जताई थी।
रिम्स परिसर में जनता को राहत, बंद गेट खोलने का आदेश

रिम्स निदेशक ने मरीजों और उनके परिजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एसबीआई के सामने वर्षों से बंद पड़े गेट को खोलने का आदेश जारी किया। गंभीर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में सुविधा हो, इसके लिए दुर्गा मंदिर के सामने पुराने मुख्य द्वार को तोड़ने और नया गेट बनने तक एसबीआई के पास वाले गेट को अस्थायी रूप से चालू रखने का निर्देश दिया गया। यह गेट मंगलवार शाम चार बजे खोल दिया गया।

87 डॉक्टरों को मिला प्रमोशन का तोहफा

डॉ. राजकुमार ने डॉक्टरों के प्रमोशन से जुड़े लंबे समय से लंबित मामले को भी सुलझाया। वर्ष 2024 में 100 से अधिक डॉक्टरों के प्रमोशन इंटरव्यू हो चुके थे, लेकिन सूची जारी नहीं की गई थी। कार्यभार संभालते ही उन्होंने संबंधित फाइल मंगाई, त्रुटियों को दुरुस्त किया और शाम तक 87 डॉक्टरों की प्रमोशन सूची जारी कर दी।

साफ संकेत: विकास और निर्णय में नहीं होगी देरी रिम्स निदेशक के रूप में डॉ. राजकुमार की वापसी के साथ ही संस्थान में प्रशासनिक निर्णयों की रफ्तार तेज होती दिख रही है। पहले ही दिन लिए गए फैसलों से संकेत मिल रहा है कि अब संस्थान में विकास कार्यों और कर्मचारियों से जुड़े मामलों में अनावश्यक देरी नहीं होगी।

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