झारखंड में घुसपैठियों का हो रहा ‘सरकारी दामाद’ जैसा स्वागत: चंपाई सोरेन ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि झारखंड में घुसपैठियों का स्वागत “सरकारी दामाद” की तरह किया जा रहा है, जबकि अन्य राज्यों में इन पर सख्त कानूनी कार्रवाई होती है।

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चंपाई सोरेन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि जब दिल्ली, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में घुसपैठिए पकड़े जाते हैं, तो कानून अपना काम करता है। लेकिन झारखंड में स्थिति बिल्कुल उलट है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के अधिकारी इन अवैध घुसपैठियों का समर्थन करते हैं और उनके पक्ष में फर्जी हलफनामे दाखिल किए जाते हैं।

उन्होंने कहा, “जब हाई कोर्ट इन मामलों की जांच के लिए कमिटी बनाने का आदेश देता है, तो अबुआ सरकार (वर्तमान राज्य सरकार) उसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट चली जाती है। यह दर्शाता है कि सरकार इन घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है।”

चंपाई सोरेन ने एक ताजा उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में मुंबई पुलिस ने 13 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास झारखंड के साहिबगंज जिले से बने फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए हैं। सभी कार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी दर्ज है, जिससे फर्जीवाड़े की गंभीरता और भी स्पष्ट होती है।

उन्होंने आगे कहा कि चाकुलिया में हाल ही में एक समुदाय विशेष के तीन हजार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने की खबर सामने आई है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि मुर्शिदाबाद की तर्ज पर झारखंड को भी अवैध घुसपैठियों का गढ़ बनाया जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि पाकुड़ और साहिबगंज जैसे सीमावर्ती जिलों में आदिवासी समाज अल्पसंख्यक बनता जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह सरकार सत्ता के नशे में अंधी और बहरी हो चुकी है। उसे न लोगों की चिंता है, न राज्य की सुरक्षा की।”

उन्होंने झारखंड की जनता से अपील की कि वे इस खतरे को गंभीरता से लें और राज्य की पहचान और संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आएं।

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