धनबाद के वासेपुर सहित कई इलाकों में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की ओर से की गई छापेमारी और चार संदिग्धों की गिरफ्तारी कोई अचानक हुई कार्रवाई नहीं थी. इस सफलता के पीछे एटीएस की लगभग दो साल लंबी और गहरी जांच-पड़ताल थी. एटीएस ने बीते वर्षों में पकड़े गए आतंकियों और उनके नेटवर्क का डेटा गहराई से विश्लेषित किया था, जिसकी कड़ियों को जोड़ते हुए अब धनबाद में कार्रवाई की गई.
एक्यूआइएस झारखंड का मास्टरमाइंड डॉ. इश्तियाक की गिरफ्तारी से शुरू हुई जांच
23 अगस्त 2024 को झारखंड एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के झारखंड मॉड्यूल के मास्टरमाइंड डॉ. इश्तियाक को गिरफ्तार किया था. डॉ. इश्तियाक पेशे से रेडियोलॉजिस्ट था और रांची के मेडिका अस्पताल में कार्यरत था. उसकी गिरफ्तारी के बाद रांची के बरियातू थाना क्षेत्र के जोड़ा तालाब स्थित उसके आवास पर भी छापेमारी की गई थी, जहां से आतंकी गतिविधियों से जुड़े कई सबूत मिले थे. पूछताछ में डॉ. इश्तियाक ने अपने नेटवर्क और साथियों के बारे में अहम जानकारियां दीं, जो आगे चलकर धनबाद में हुई छापेमारी की बुनियाद बनी.
लोहरदगा से पकड़े गए फैजान ने खोले कई राज
21 जुलाई 2023 को लोहरदगा से इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया (ISIS) से जुड़े संदिग्ध आतंकी फैजान अंसारी उर्फ फैज को भी गिरफ्तार किया गया था. फैजान की उम्र उस समय महज 19 साल थी. वह इंटरनेट मीडिया के जरिए धार्मिक कट्टरता फैलाने और देश विरोधी गतिविधियों का प्रचार-प्रसार करने में सक्रिय था. फैजान का संपर्क सीधे ISIS के मुख्यालय से था और वह वहां से मिले निर्देशों के आधार पर भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की साजिश रच रहा था. एनआईए ने गुप्त सूचना के आधार पर उसे पकड़ा था. फैजान की गिरफ्तारी और उससे मिली जानकारी ने भी धनबाद कनेक्शन को उजागर करने में मदद की.
इंटरनेट मीडिया पर देश विरोधी प्रचार करने वाला नौशाद भी चढ़ा एटीएस के हत्थे
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद बोकारो के नौशाद उर्फ नौशाद काश्मी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर ‘थैंक यू पाकिस्तान’ और ‘थैंक यू लश्कर ए तैयबा’ जैसे देश विरोधी संदेश पोस्ट किए थे. इस हरकत के बाद एटीएस की टीमें सक्रिय हुईं और नौशाद की गिरफ्तारी के साथ उसके नेटवर्क और सहयोगियों की तलाश शुरू कर दी. इस जांच के दौरान धनबाद के वासेपुर और अन्य इलाकों से जुड़ते सुराग मिले, जिसने एटीएस को सही दिशा में जांच बढ़ाने में मदद की.
राजस्थान और रांची से भी जुड़े थे आतंकी मॉड्यूल
डॉ. इश्तियाक और उसके गिरोह के कई साथी राजस्थान के आतंकी प्रशिक्षण केंद्र से भी गिरफ्तार हुए थे. इसके अलावा रांची के विभिन्न इलाकों से भी इनके सहयोगी पकड़े गए थे. जांच में खुलासा हुआ था कि ये लोग रांची के चान्हो क्षेत्र में भी आतंकी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की साजिश रच रहे थे. इन सभी गिरफ्तारियों और पूछताछ से मिले बयानों के विश्लेषण के आधार पर एटीएस को धनबाद में सक्रिय नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं.
एटीएस की जांच के महत्वपूर्ण आधार
• धनबाद में हालिया छापेमारी की पृष्ठभूमि में कुछ अहम घटनाएं रही, जो इस प्रकार हैं:
• लोहरदगा से गिरफ्तार फैजान सोशल मीडिया पर धार्मिक कट्टरता फैलाकर युवाओं को ISIS से जोड़ने की कोशिश कर रहा था.
• बोकारो के नौशाद की गिरफ्तारी के बाद उसकी गतिविधियों की जांच से धनबाद और वासेपुर से जुड़े सुराग मिले.
• डॉ. इश्तियाक और उसके गैंग से पूछताछ में मिले सुरागों ने पूरे नेटवर्क का खाका एटीएस के सामने पेश किया.
• राजस्थान और रांची से गिरफ्तार सहयोगियों ने भी आतंकवाद फैलाने की बड़ी साजिशों का खुलासा किया.