बोकारो: सोमवार की सुबह बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड स्थित लुगू पहाड़ व चोरगांवा के पास घने जंगलों में हुए भीषण मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने बड़ी कामयाबी हासिल की। पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त ऑपरेशन ‘ऑपरेशन डाकावेदा’ के तहत एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक समेत कुल 8 हार्डकोर माओवादी ढेर किए गए। मुठभेड़ सुबह 5:30 बजे शुरू हुई और लगभग दो घंटे चली।
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मारे गए नक्सलियों में गिरिडीह के 10 लाख के इनामी साहवराम मांझी और बिहार के जमुई जिले का अरविंद यादव भी शामिल हैं, जिस पर बिहार सरकार ने 3 लाख का इनाम घोषित किया था। प्रयाग मांझी, जो धनबाद के नवाटांड़, मनियाडीह थाना क्षेत्र का निवासी था, भाकपा माओवादी संगठन की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और पिछले 10 वर्षों से झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा की पुलिस को उसकी तलाश थी।
मुठभेड़ में बरामद हथियार और सामग्री:
सुरक्षा बलों को मुठभेड़ स्थल से 4 इंसास राइफल, 1 एसएलआर, 8 देसी राइफल, एक रिवॉल्वर और बड़ी संख्या में गोलियां और रोजमर्रा के उपयोग की सामग्री बरामद हुई है। सर्च ऑपरेशन के दौरान इलाके को खंगाला गया और नक्सलियों की मौजूदगी की पुष्टि के बाद ऑपरेशन को और तेज किया गया।
प्रमुख मारे गए नक्सली:
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प्रयाग मांझी उर्फ विवेक – एक करोड़ का इनामी, धनबाद के नवाटांड़ का निवासी, संगठन में सेंट्रल कमेटी सदस्य।
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साहवराम मांझी – 10 लाख का इनामी, गिरिडीह के कारंदो गांव का निवासी, संगठन में जोनल कमांडर।
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अरविंद यादव – 3 लाख का इनामी (बिहार सरकार), जमुई के भेलवा मोहनपुर का निवासी, संगठन में सेक सदस्य।
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महेश मांझी
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रजु मांझी
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गंगाराम
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महेश
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सालु
डीजीपी अनुराग गुप्ता का बयान:
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए कहा कि शहीद जवानों का बदला पूरा हो गया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी नक्सली अभी जीवित हैं, वे आत्मसमर्पण कर दें, वरना उनका भी यही हश्र होगा। उन्होंने बताया कि प्रयाग मांझी के नेतृत्व में लगभग 15-17 नक्सली लुगू पहाड़ पर एक बड़ी साजिश की तैयारी में थे, जिसकी गुप्त सूचना पर यह ऑपरेशन चलाया गया।
गृहमंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया:
गृहमंत्री अमित शाह ने इस सफलता पर सुरक्षा बलों को बधाई दी और कहा, “नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने का हमारा अभियान जारी है। बोकारो में लुगू पहाड़ पर एक करोड़ के इनामी माओवादी नेता समेत आठ नक्सलियों का मारा जाना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चल रहा सुरक्षा बलों का अभियान अब निर्णायक मोड़ पर है। ऑपरेशन डाकावेदा की सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां नक्सलवाद के खात्मे के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।