रांची: झारखंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शीर्ष नेतृत्व की भूमिकाओं में महत्वपूर्ण फेरबदल होने जा रहा है। पार्टी के संस्थापक और 38 वर्षों से अध्यक्ष रहे शिबू सोरेन अब नयी भूमिका में नजर आएंगे। वह पार्टी में संरक्षक की भूमिका निभाएंगे, जबकि उनके पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पार्टी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।
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यह बदलाव पार्टी के संविधान में संशोधन के बाद संभव हो पाया है। महाधिवेशन के दूसरे दिन मंगलवार को इस संशोधन को औपचारिक मंजूरी दी जाएगी। इसके साथ ही पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष का पद समाप्त कर दिया गया है, जिसे अब तक हेमंत सोरेन संभाल रहे थे। नए प्रावधान के अनुसार, अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को केंद्रीय अध्यक्ष के रूप में पार्टी की पूरी कमान सौंपी जाएगी।
गौरतलब है कि झामुमो की स्थापना 1972 में हुई थी, और विनोद बिहारी महतो इसके पहले अध्यक्ष बने थे। 1973 से 1984 तक उन्होंने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाई। इसके बाद 1984 में राजनीतिक परिस्थितियों के कारण शिबू सोरेन ने निर्मल महतो को अध्यक्ष बनाया। तीन वर्षों के भीतर 1987 में शिबू सोरेन ने खुद पार्टी की कमान संभाली और लगातार 38 वर्षों तक अध्यक्ष पद पर रहे।
अब इस ऐतिहासिक बदलाव के साथ झामुमो एक नई दिशा में आगे बढ़ेगी। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पार्टी की रणनीतियों और राजनीतिक दिशा में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। शिबू सोरेन, जिन्हें ‘गुरुजी’ के नाम से जाना जाता है, अब संरक्षक के रूप में अपने अनुभव और मार्गदर्शन से पार्टी को मजबूती प्रदान करते रहेंगे।