रांची: झारखंड अनुबंध महाविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी मोर्चा ने सोमवार को राजधानी रांची स्थित राजभवन के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। मोर्चा के सैकड़ों सदस्यों ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर अपनी वर्षों पुरानी मांग — स्थायी समायोजन — को लेकर आवाज बुलंद की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे वर्षों से अनुबंध पर कार्य कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी सेवा को स्थायी करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि यह मामला दो से ढाई वर्षों से लंबित है। 3 दिसंबर 2022 को सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका द्वारा एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें सभी अंगीभूत महाविद्यालयों और स्नातकोत्तर विभागों से यह आग्रह किया गया था कि शिक्षकों और चतुर्थ श्रेणी के उन कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए, जो पिछले पांच वर्षों या उससे अधिक समय से संविदा (अनुबंध) पर कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय ने न्यायिक समिति की अनुशंसा के आलोक में इन कर्मियों के स्थायीकरण पर विचार के लिए विस्तृत प्रतिवेदन 15 दिनों के भीतर भेजने का निर्देश दिया था।
मोर्चा के नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय के पत्र के बावजूद अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है, जिससे कर्मचारियों में भारी असंतोष है। उनका कहना है कि स्थायी समायोजन न होने के कारण वे न तो सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ ले पा रहे हैं और न ही उन्हें भविष्य की कोई गारंटी है।
प्रदर्शन के दौरान मोर्चा ने राज्य सरकार से मांग की कि संविदा पर कार्यरत शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को शीघ्र स्थायी किया जाए और उनके सेवा शर्तों को नियमित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस प्रदर्शन के बाद अब सभी की नजर राज्य सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि वर्षों की मेहनत और समर्पण का उन्हें न्याय मिलेगा और स्थायी समायोजन की दिशा में सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।