रांची: झारखंड में परिसीमन को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि चाहे उनकी सरकार रहे या जाए, वे किसी भी स्थिति में परिसीमन को लागू नहीं होने देंगे।
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झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में परिसीमन को एक षड्यंत्र बताया और कहा कि इसका मकसद आदिवासी एवं दलित समुदाय की सीटों में कटौती करना है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी ऐसा प्रयास किया गया था, लेकिन दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में इसे रोका गया था। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार इसे और चतुराई से लागू करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वे इसे सफल नहीं होने देंगे। यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई, तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
बीजेपी पर जमकर साधा निशाना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने एक घंटे 12 मिनट के भाषण के दौरान बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि खतियान आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी को 27% आरक्षण और सरना धर्म कोड के मुद्दे पर केंद्र सरकार उदासीन बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अब जनता ही इसका निर्णय करेगी और उनकी सरकार संघर्ष के लिए तैयार है।
असम के मुख्यमंत्री पर भी हमला
हेमंत सोरेन ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब झारखंड में वे सुपरस्टार बनकर घूम रहे थे, तब हमने उनसे असम में आदिवासियों को उनके अधिकार देने की बात कही थी। लेकिन वे गोल-मोल जवाब देकर बच निकले।
रांची बंद की आलोचना
रांची में अनिल टाइगर हत्याकांड के विरोध में भाजपा के रांची बंद की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बंद की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि दुकान चलाने वाले भी भाजपा के ही वोटर हैं, ऐसे में इस तरह के बंद का कोई औचित्य नहीं बनता।
सरकार की योजनाओं का जिक्र
अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया। उन्होंने बताया कि धान का समर्थन मूल्य तय करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, अनाथ एवं दिव्यांग बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए सरकार हर साल 10 लाख रुपये की सहायता देगी।
रिम्स का होगा कायाकल्प
मुख्यमंत्री ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए बड़े कदम उठाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में रिम्स का कायाकल्प किया जाएगा, जिसके लिए 7000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, रांची में एक नया रिम्स बनाने का भी निर्णय लिया गया है। राज्य की जनता के लिए हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा जल्द शुरू की जाएगी और अस्पतालों में हेलीपैड की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह सुविधा देने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बनेगा।
केंद्र पर आर्थिक भेदभाव का आरोप
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर आर्थिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड का केंद्र पर 1,36,000 करोड़ रुपये बकाया है। यदि यह राशि राज्य को मिल जाए, तो झारखंड अन्य राज्यों को कर्ज देने की स्थिति में आ सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह झारखंड के विकास में बाधा डाल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश में सबसे अधिक खनन करने वाला राज्य है, लेकिन यहां के लोगों को उनका पूरा अधिकार नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना की राशि जारी करने में भी टालमटोल कर रही है। उन्होंने कहा कि 1200 करोड़ रुपये की राशि अभी भी केंद्र पर बकाया है, जिससे राज्य को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि झारखंड के विकास और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी सरकार पूरी ताकत से लड़ेगी, चाहे सरकार रहे या ना रहे।