झारखंड विधानसभा: सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री पर लगाया सदन को गुमराह करने का आरोप….

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 19वें दिन, 21 मार्च 2025 को, विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सदन में पेश किया. इस प्रस्ताव के समर्थन में भाजपा, जदयू, लोजपा और आजसू के सभी विधायक खड़े हो गए. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि वे इस प्रस्ताव की समीक्षा करेंगे और आगे विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्री के गलत जवाब पर आपत्ति

विधायक सरयू राय ने सदन में कहा कि किसी विधायक के सवाल का गलत या भ्रामक उत्तर देना सदन की अवमानना और सदस्य के अधिकारों का हनन है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री ने 21 मार्च 2025 को उनके अल्पसूचित प्रश्न का गलत जवाब दिया. उनका सवाल झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल में निबंधक-सह-सचिव की अनियमित नियुक्ति से जुड़ा था. सरयू राय ने दावा किया कि स्वास्थ्य मंत्री ने उनके प्रश्न की कंडिका-2 का गलत उत्तर दिया, जबकि स्वास्थ्य विभाग के पास सही जानकारी मौजूद थी. उनके अनुसार, फार्मेसी काउंसिल के सचिव के चयन में गड़बड़ी हुई और सरकार ने इस तथ्य को छिपाने की कोशिश की.

फार्मेसी काउंसिल के सचिव की विवादास्पद नियुक्ति

सरयू राय ने कहा कि फार्मेसी काउंसिल के सचिव को एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाया गया, जबकि नियम के अनुसार, किसी फार्मासिस्ट का पंजीयन केवल एक ही स्थान के लिए होता है. उन्होंने बताया कि सहायक निदेशक (औषधि), दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल द्वारा राज्य औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला को प्रस्तुत रिपोर्ट में स्पष्ट है कि संबंधित व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग जगहों पर रजिस्ट्रेशन मौजूद हैं. इस मामले की जांच के दौरान फार्मेसी काउंसिल ने सहयोग करने से इनकार कर दिया और आवश्यक सूचनाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गईं. इससे मामला और संदिग्ध हो गया.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भी आरोप

सरयू राय ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री को गलत जानकारी दी, जिससे मंत्री ने सदन में भ्रामक उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस तथ्य को जानबूझकर छिपाया और विधानसभा के प्रश्नकाल में सही जानकारी नहीं दी. उन्होंने जोर देकर कहा कि सदन में किसी विधायक के प्रश्न का गलत जवाब देना विधानसभा की अवमानना और विशेषाधिकार का हनन है. उन्होंने झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम के अनुच्छेद 186 के तहत विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा.

विधानसभा अध्यक्ष की प्रतिक्रिया

विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि वे इस प्रस्ताव को देखेंगे और इसके अनुसार उचित विधिक कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद, अनुच्छेद 187, 188 और 189 के तहत विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव रखने और उस पर स्वीकृति की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. इस पूरे घटनाक्रम ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब देखना यह होगा कि विधानसभा इस प्रस्ताव पर आगे क्या फैसला लेती है.

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