झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाओं, पर्यवेक्षिकाओं और हेल्पडेस्क कर्मियों को बड़ी सौगात दी. राजधानी रांची में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में इन कर्मियों के बीच स्मार्टफोन का वितरण किया गया. इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य में महिला एवं बाल कल्याण से जुड़ी योजनाओं और सेवाओं में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना है, ताकि इनका संचालन और निगरानी अधिक सुचारू और प्रभावी ढंग से हो सके.
डिजिटलीकरण से कार्यों में तेजी लाने की कोशिश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर कहा कि यह तकनीक का युग है, और हर क्षेत्र में डिजिटल सुविधाएं तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित योजनाओं और सेवाओं को भी डिजिटल माध्यम से जोड़ा जा रहा है. इसका लाभ यह होगा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने कार्यों की रिपोर्टिंग, डाटा संकलन और सेवाओं के प्रबंधन में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन के माध्यम से अब आंगनबाड़ी सेवाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी, जिससे इन योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और तेजी आएगी.
स्मार्टफोन से होंगे काम आसान
सीएम सोरेन ने कहा कि स्मार्टफोन आज हर किसी की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. यह एक ऐसा उपकरण है, जो चौबीसों घंटे हमारे साथ रहता है और हमारे काम को आसान बनाता है. इसी सोच के तहत राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं, पर्यवेक्षिकाओं और हेल्पडेस्क कर्मियों को स्मार्टफोन देने का निर्णय लिया है. इसका लाभ यह होगा कि ये कर्मी अब अपने कार्यों की दैनिक रिपोर्टिंग आसानी से कर सकेंगे और उसे सुरक्षित भी रख सकेंगे. साथ ही, आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित गतिविधियों की निगरानी भी आसान हो जाएगी. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में कार्यों का संचालन पारंपरिक तरीके से करना मुश्किल होता जा रहा है. सरकार चाहती है कि आंगनबाड़ी सेविकाओं को नई तकनीक से जोड़ा जाए, ताकि वे अपनी सेवाओं को और अधिक प्रभावी बना सकें. स्मार्टफोन की मदद से अब किसी भी कार्य से संबंधित जानकारी तुरंत सरकार तक पहुंचाई जा सकेगी, जिससे जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई भी संभव होगी.
स्मार्टफोन का सुरक्षित उपयोग जरूरी
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित आंगनबाड़ी सेविकाओं और पर्यवेक्षिकाओं को स्मार्टफोन का सुरक्षित उपयोग करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने इन स्मार्टफोनों में विशेष ऐप उपलब्ध कराए हैं, जिनका इस्तेमाल केवल सरकारी कार्यों के लिए किया जाना चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने कर्मियों को सतर्क रहने के लिए कहा कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक, लोक-लुभावन ऑफर या साइबर धोखाधड़ी के झांसे में न आएं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई लापरवाही बरती जाती है, तो इसका खामियाजा आर्थिक नुकसान के रूप में भुगतना पड़ सकता है. इसलिए, आंगनबाड़ी सेविकाओं को अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल सोच-समझकर और सावधानीपूर्वक करना चाहिए.
स्मार्टफोन से दुनिया मुठ्ठी में
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि स्मार्टफोन आज हर किसी के लिए अनिवार्य बन गया है. उन्होंने कहा, “आज के समय में आप घर से पर्स भूल सकते हैं, लेकिन स्मार्टफोन भूलना नामुमकिन है. “उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्मार्टफोन ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियां भी हैं. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं. एक ओर यह हमें हर प्रकार की जानकारी देता है, वहीं दूसरी ओर इसके जरिए कई साइबर अपराध भी हो रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर स्मार्टफोन का उपयोग सही तरीके से किया जाए, तो यह एक बेहतरीन साधन है, लेकिन यदि इसका दुरुपयोग होता है, तो यह कई समस्याएं भी खड़ी कर सकता है.
सरकार की डिजिटल पहल
झारखंड सरकार लगातार डिजिटल तकनीक को अपनाकर सरकारी योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाले समय में सरकार और भी कई योजनाओं को डिजिटल रूप से संचालित करने की योजना बना रही है. इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी और लाभार्थियों तक सही तरीके से सुविधाएं पहुंचाई जा सकेंगी.
मौके पर मौजूद अधिकारी और अतिथि
इस कार्यक्रम में झारखंड के मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव मनोज कुमार, सामाजिक सुरक्षा निदेशक किरण कुमार पासी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. इसके अलावा, बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाएं, पर्यवेक्षिकाएं और हेल्पडेस्क कर्मी भी इस मौके पर उपस्थित थे.