झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत 4502 महिलाएं पहली किस्त मिलने के बावजूद दूसरी और तीसरी किस्त से वंचित रह गई हैं. कुछ लाभार्थियों को पहली किस्त मिली, लेकिन बाकी की किस्तों का भुगतान नहीं हुआ, जबकि कुछ महिलाओं को एक भी किस्त नहीं मिली है. इस स्थिति से परेशान महिलाएं प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है. इस योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है. सरकार इस योजना के तहत हर महिला लाभार्थी को 2500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता देती है, जो उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है. लेकिन योजना में आई अड़चनों के कारण हजारों महिलाएं इस लाभ से वंचित हो गई हैं.
महिलाओं की शिकायत: “पहली किस्त दे दी, दूसरी और तीसरी रोक ली”
कई महिलाओं का कहना है कि पहली किस्त मिलने के बाद भी दूसरी और तीसरी किस्त नहीं दी जा रही. अगर उनके आवेदन में कोई त्रुटि थी, तो पहली किस्त कैसे मिल गई? महिलाओं का आरोप है कि प्रशासन बहाने बनाकर उन्हें योजना से बाहर कर रहा है.
• रिंकी कुमारी, लकरछरा: “पहली किस्त मिली थी, लेकिन दूसरी और तीसरी किस्त नहीं आई. प्रखंड कार्यालय गई तो बताया कि नाम सूची से हटा दिया गया है. आखिर यह कैसा न्याय है?”
• ममता देवी, सोनाबांक-गढ़वा: “आधार में त्रुटि बताकर मेरी किस्त रोक दी गई है. त्रुटि सुधारने के बाद भी राशि नहीं मिल रही है.“
4502 महिलाएं योजना के लाभ से वंचित
जिला प्रशासन के अनुसार, इस योजना के तहत जिले में कुल 18,318 महिलाओं को लाभ देना था. इनमें से 13,816 महिलाओं को तीनों किस्तें (7500 रुपये) मिल चुकी हैं, लेकिन 4502 महिलाओं को एक भी किस्त नहीं मिली या पहली किस्त के बाद भुगतान रोक दिया गया. हर दिन बड़ी संख्या में महिलाएं प्रखंड कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायतें दर्ज कर रही हैं. बुधवार को करीब दो दर्जन महिलाओं ने बीडीओ का घेराव कर अपनी नाराजगी जताई.
बीडीओ बोले – “पहले बैंक खाता आधार से लिंक करें”
बीडीओ हरि उरांव ने कहा कि खाता आधार से लिंक नहीं होने और आवेदन में गलतियों की वजह से कई महिलाओं को राशि नहीं मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि:
• राशन कार्ड में नाम गलत होने के कारण भुगतान रुका है.
• आधार कार्ड में नाम की स्पेलिंग अलग होने से ट्रांजैक्शन नहीं हो रहा.
• बैंक खाता आधार से डीबीटी (DBT) लिंक नहीं होने के कारण राशि नहीं पहुंची.
• बीडीओ ने महिलाओं से अपने बैंक खातों को आधार से लिंक कराने की अपील की और कहा कि जैसे ही सरकार पोर्टल खोलेगी, सुधार किया जाएगा.
महिलाओं का आरोप – “अयोग्य लोग उठा रहे फायदा, जरूरतमंद रह गए पीछे”
महिलाओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि सैकड़ों अपात्र लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, जबकि जिन्हें वास्तव में जरूरत है, वे दर-दर भटक रहे हैं. महिलाओं ने कहा कि प्रशासन को योजना की गड़बड़ियों की जांच करनी चाहिए ताकि सही लाभार्थियों को उनका हक मिले.
अब क्या करें लाभार्थी?
• बैंक जाकर अपने खाते को आधार से डीबीटी (DBT) से लिंक कराएं.
• अगर राशन कार्ड में नाम अलग है, तो उसमें सुधार करवाएं.
• योजना पोर्टल के खुलने पर प्रखंड कार्यालय जाकर आवेदन में सुधार करवाएं.