एसएनएमएमसीएच में ऑक्सीजन संकट: बिजली कटते ही बंद हो जाती हैं कंसंट्रेटर मशीन, मरीजों की जान पर खतरा

धनबाद। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) की सेंट्रल इमरजेंसी स्थित वार्ड में बिजली कटते ही मरीजों के लिए जीवनरक्षक ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप हो जाती है। इमरजेंसी वार्डों में कुछ ही बेडों पर पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा है, लेकिन इनमें से अधिकांश बेड पर लगे ऑक्सीजन रेगुलेटर खराब हो चुके हैं। ऐसे में गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के जरिए सांसों का सहारा दिया जा रहा है, जो पूरी तरह बिजली पर निर्भर होते हैं।

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ऑक्सीजन की व्यवस्था ठप, मरीजों की जान पर खतरा

इमरजेंसी वार्ड में कुल 58 बेड हैं, जिनमें 28 बेड के पास पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की गई है। लेकिन इनमें से 20 बेड पर लगे ऑक्सीजन रेगुलेटर या तो खराब हो चुके हैं या चोरी हो गए हैं। कुछ रेगुलेटर मरीजों के परिजनों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिए गए हैं। अस्पताल कर्मियों के अनुसार, बीते दो महीनों से इमरजेंसी वार्ड के अधिकांश बेडों पर पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन आपूर्ति ठप पड़ी है।

गंभीर मरीजों को हो रही परेशानी

इमरजेंसी वार्ड में भर्ती अधिकतर मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। लेकिन ऑक्सीजन आपूर्ति की अव्यवस्था के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कैथलैब बिल्डिंग में बनाए गए 30 बेड वाले वार्ड में भी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की व्यवस्था थी, लेकिन यहां लगे सभी ऑक्सीजन रेगुलेटर गायब हो चुके हैं। नतीजतन, पिछले कुछ दिनों से यहां ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है।

बिजली कटने से बढ़ी मुश्किलें

टुंडी के एक मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने पर रविवार को एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया था। उसे इमरजेंसी के पुरुष वार्ड में कंसंट्रेटर मशीन से ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा था। सोमवार की रात करीब 9 बजे अचानक बिजली गुल हो गई, जिससे मशीन ने ऑक्सीजन बनाना बंद कर दिया। जनरेटर चालू करने में देरी हुई और मरीज को पांच से सात मिनट तक ऑक्सीजन के बिना तड़पना पड़ा। इसी तरह, मंगलवार को बिजली कटने से महिला वार्ड में भर्ती एक वृद्धा को अस्थमा का अटैक आया और ऑक्सीजन की कमी के कारण उसकी हालत बिगड़ गई।

प्रशासन की उदासीनता, मरीजों की जान पर खतरा

एसएनएमएमसीएच के मेडिसिन विभाग में मरीजों की संख्या अधिक होने और बेड की संख्या सीमित होने के कारण प्रशासन ने कैथलैब बिल्डिंग में अतिरिक्त 30 बेड की व्यवस्था की थी। लेकिन यहां भी ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को भर्ती करना मुश्किल हो गया है।

अस्पताल प्रशासन की सफाई

एसएनएमएमसीएच प्रशासन के अनुसार, इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन से संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए बहाल एजेंसी ने बीच में ही काम छोड़ दिया है, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई है। जल्द ही सभी बेडों पर ऑक्सीजन रेगुलेटर की व्यवस्था की जाएगी। गंभीर मरीजों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एसआईसीयू में भर्ती करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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