रांची: झारखंड हाईकोर्ट में प्यून की नौकरी के लिए पहुंचे पांच अभ्यर्थियों का सपना उस वक्त चकनाचूर हो गया, जब उनके इंटरव्यू लेटर फर्जी पाए गए। यह मामला 12 मार्च को सामने आया, जब ये अभ्यर्थी हाईकोर्ट में इंटरव्यू देने पहुंचे थे। जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि इन सभी को हाईकोर्ट के अधिकारी के हस्ताक्षर वाला एडमिट कार्ड बंद लिफाफे में स्पीड पोस्ट के माध्यम से उनके पते पर भेजा गया था। लेकिन जब सत्यापन किया गया, तो एडमिट कार्ड पर मौजूद हस्ताक्षर फर्जी निकले।
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अधिवक्ता की संलिप्तता उजागर, पुलिस कर रही तलाश
पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि इन पांचों अभ्यर्थियों को इंटरव्यू लेटर एक अधिवक्ता के माध्यम से मिला था। अभ्यर्थियों ने बताया कि अधिवक्ता ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनका काम हो जाएगा और बाद में उनसे मिलने को कहा था।
हाईकोर्ट के असिस्टेंट रजिस्ट्रार सह कोर्ट ऑफिसर मुकुंद पंडित ने इस संबंध में विधानसभा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने सभी पांच अभ्यर्थियों से पूछताछ की और प्राथमिक जांच के आधार पर उन्हें पीआर बांड पर छोड़ दिया है।
फर्जी एडमिट कार्ड भेजे जाने का मामला दर्ज
हाईकोर्ट में फर्जीवाड़े का यह मामला बेहद गंभीर है। पुलिस ने बताया कि इंटरव्यू लेटर स्पीड पोस्ट के जरिए भेजे गए थे और यह योजना पहले से सोची-समझी साजिश का हिस्सा लग रही है।
इन अभ्यर्थियों को भेजे गए थे फर्जी एडमिट कार्ड:
- अभय कुमार – पीपरा खुर्द, लेस्लीगंज, पलामू
- अजय कुमार महतो – हटिया, रांची
- लाल निरंजन नाथ शाहदेव – डुंगरी, तुपुदाना, रांची
- राजीव सिंह – बड़तल्ला स्ट्रीट, चर्च रोड, साहिबगंज
- सचिन कुमार – करौं, देवघर
पुलिस अधिवक्ता की तलाश में जुटी
पुलिस ने संदिग्ध अधिवक्ता के घर पर छापा मारा, लेकिन वह फरार पाया गया। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं इसमें किसी बड़े गिरोह का हाथ तो नहीं है। जरूरत पड़ने पर पुलिस इन अभ्यर्थियों को फिर से पूछताछ के लिए बुला सकती है। इस घटना के बाद हाईकोर्ट प्रशासन सतर्क हो गया है और ऐसे किसी भी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की योजना बना रहा है।