रांची: कांग्रेस की अग्रणी संस्था ‘राजीव गांधी पंचायती राज संगठन’ 19 मार्च से झारखंड में चार दिवसीय पदयात्रा शुरू करने जा रही है। यह पदयात्रा 19 से 22 मार्च तक चलेगी, जिसका उद्देश्य नगर निकाय चुनावों की विसंगतियों को उजागर करना और राज्य में पंचायतों तथा नगर निकायों की स्वायत्तता को सुनिश्चित करना है।
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राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुमित शर्मा और प्रदेश प्रवक्ता शांतनु मिश्रा ने झारखंड प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में इस पदयात्रा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पदयात्रा धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गांव से शुरू होगी और इसका समापन रांची के मोराबादी स्थित बापू वाटिका में किया जाएगा।
वन, जल और पर्यावरण संरक्षण होगा प्राथमिक मुद्दा
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुमित शर्मा ने बताया कि पदयात्रा के दौरान झारखंड में घट रहे वन क्षेत्र, नदियों की स्थिति और भूजल संकट जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठाया जाएगा। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड के कुल क्षेत्रफल का 29% भाग वनाच्छादित है, लेकिन वास्तविकता यह है कि केवल 20% भूमि पर ही जंगल शेष है। राष्ट्रीय वन नीति 1988 के अनुसार, किसी भी राज्य के कुल क्षेत्रफल का 33% भाग वनों से ढका होना चाहिए, लेकिन झारखंड में यह प्रतिशत लगातार घटता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत आदिवासी और मूलवासी समुदायों को जंगलों पर जीवन यापन का अधिकार मिला हुआ है, लेकिन वनों की कटाई और अवैध खनन के कारण इन समुदायों का जीवन संकट में है।
खनन और अवैध कटाई पर लगे रोक
प्रदेश अध्यक्ष सुमित शर्मा ने कहा कि राज्य में अवैध खनन और जंगलों की कटाई के कारण पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंच रही है। पदयात्रा के दौरान जिन क्षेत्रों से यह यात्रा गुजरेगी, वहां लोगों को जंगल बचाने, पौधे लगाने, नदियों और पहाड़ों के संरक्षण के लिए जागरूक किया जाएगा।
इसके अलावा, राज्य में जल संकट की भी गंभीर समस्या बनी हुई है। झारखंड में कोई बड़ी नदी नहीं है, जिससे जल जीवन मिशन के तहत भूगर्भ जल का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है, लेकिन इसके संरक्षण के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है। पदयात्रा के माध्यम से सरकार का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया जाएगा।
पेसा कानून 1996 के पूर्ण क्रियान्वयन की मांग
राज्य में पंचायती राज अधिनियम के तहत पेसा कानून 1996 को पूरी तरह लागू करने की मांग भी इस यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य होगा। साथ ही, पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों को 73वें और 74वें संविधान संशोधन के तहत प्रदत्त 29 विभागों के अधिकार दिलाने के लिए भी संगठन आवाज उठाएगा।
नगर निकाय चुनाव की विसंगतियों को दूर करने की पहल
प्रदेश प्रवक्ता शांतनु मिश्रा ने कहा कि यह यात्रा नगर निकाय चुनावों की अनियमितताओं को दूर करने के लिए आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के तहत नगर निकाय चुनाव में 30 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है, जिसे समाप्त करने की मांग की जाएगी। इसके अलावा, 9 फरवरी 2013 के बाद जिन व्यक्तियों के तीन या अधिक बच्चे हुए हैं, उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। संगठन इस प्रावधान का पुरजोर विरोध करता है।
शांतनु मिश्रा ने कहा कि राजीव गांधी पंचायती राज संगठन का मानना है कि किसी भी व्यक्ति को उसकी उम्र या बच्चों की संख्या के आधार पर चुनाव लड़ने से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इस पदयात्रा के माध्यम से इन विषयों पर जनता को जागरूक किया जाएगा और एक वैचारिक जनसमूह तैयार करने का प्रयास किया जाएगा।
राज्यपाल को सौंपा जाएगा ज्ञापन
पदयात्रा के समापन के बाद, संगठन के प्रतिनिधि राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने, नगर निकाय चुनावों की विसंगतियों को दूर करने और पर्यावरण संरक्षण की मांगें शामिल होंगी।
यह पदयात्रा झारखंड के नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और सरकार से जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी।