होली पर झारखंड में रिकॉर्ड शराब बिक्री, 102 करोड़ का आंकड़ा पार

रांची। होली के अवसर पर झारखंड में शराब की बिक्री ने इस वर्ष नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। राज्य के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 11 से 14 मार्च तक कुल 102.59 करोड़ रुपये की शराब बिकी। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 10 करोड़ रुपये अधिक है।

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पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ी बिक्री

विभाग के अनुसार, वर्ष 2023 में होली के दौरान कुल 92.62 करोड़ रुपये की शराब बिकी थी, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 70 करोड़ रुपये था। बढ़ती बिक्री के कारण राज्य सरकार को शराब से मिलने वाले राजस्व में भी वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार ने शराब से 2700 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा है, जिसमें अब तक लगभग 2600 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

होली के दौरान शराब बिक्री का विवरण

रिपोर्ट के मुताबिक, 11 मार्च को राज्य में 16.98 करोड़, 12 मार्च को 25.01 करोड़, 13 मार्च को 51.50 करोड़ और 14 मार्च को 9.08 करोड़ रुपये की शराब बिकी। राज्य के 24 में से 17 जिलों में 14 मार्च को शराब की दुकानें बंद थीं, जबकि शेष जिलों में 15 मार्च को दुकानें बंद रखी गई थीं।

रांची में सबसे अधिक बिक्री

राजधानी रांची में इस वर्ष सबसे अधिक शराब की बिक्री दर्ज की गई। यहां 11 मार्च को 2.77 करोड़, 12 मार्च को 4.18 करोड़, 13 मार्च को 7.50 करोड़ और 14 मार्च को 5.62 करोड़ रुपये की शराब बिकी। कुल मिलाकर, रांची में 20.09 करोड़ रुपये की शराब बिक्री हुई।

जिलावार शराब बिक्री (रुपयों में)

  • धनबाद – 9.22 करोड़
  • हजारीबाग – 8.30 करोड़
  • प सिंहभूम – 8.24 करोड़
  • बोकारो – 5.91 करोड़
  • गिरिडीह – 5.24 करोड़
  • कोडरमा – 4.78 करोड़
  • चतरा – 4.45 करोड़
  • देवघर – 4.41 करोड़
  • गोड्डा – 2.74 करोड़
  • सरायकेला – 2.88 करोड़
  • साहिबगंज – 2.56 करोड़
  • गुमला – 1.60 करोड़
  • खूंटी – 1.73 करोड़
  • लातेहार – 1.40 करोड़
  • लोहरदगा – 92 लाख
  • सिमडेगा – 1.22 करोड़
  • गढ़वा – 1.45 करोड़

शराब की खपत में लगातार वृद्धि

विशेषज्ञों के अनुसार, झारखंड में शराब की खपत में लगातार वृद्धि हो रही है। इस बढ़ती मांग के पीछे विभिन्न सामाजिक और आर्थिक कारण बताए जा रहे हैं। सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए शराब की बिक्री पर नियंत्रण के नए उपाय लागू किए हैं। इस साल की रिकॉर्ड बिक्री यह दर्शाती है कि होली के दौरान शराब की मांग तेजी से बढ़ी है और यह सरकार के राजस्व लक्ष्य को पूरा करने में सहायक साबित हो रही है।

 

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