रांची में जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे ही भूजल स्तर गिरता जा रहा है. इसका असर शहर के कई इलाकों में दिखने लगा है. बोरिंग से पानी की आपूर्ति करने वाले घरों में अब टंकी भरने में पहले से ज्यादा समय लग रहा है. फरवरी में जहां एक हजार लीटर की टंकी भरने में 30-40 मिनट लगते थे, अब इसमें एक घंटा लग रहा है. विद्यानगर, यमुना नगर, श्री हरि नगर, मधुकम, स्वर्णजयंती नगर, पिस्का मोड़, कांके और हरमू हाउसिंग कॉलोनी जैसे इलाकों में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है. गर्मी बढ़ने के साथ यह समस्या और गंभीर हो सकती है. लोग अभी से जलसंकट का समाधान ढूंढने में लगे हैं. कोई नई बोरिंग करवा रहा है, तो कोई पड़ोसियों से पानी लेने की योजना बना रहा है.
जलसंकट के कारण लोग घर छोड़ने को मजबूर
गर्मी के मौसम में जलसंकट बढ़ने पर कई इलाकों के लोग किराए का घर छोड़कर उन जगहों पर जाने को मजबूर हो जाते हैं, जहां पानी की पर्याप्त सुविधा हो. टैगोर हिल के पास स्थित कई अपार्टमेंट में भी लोग पानी की समस्या से जूझते हैं और दूसरी जगह जाने का विचार करते हैं. कांके रोड और हरमू हाउसिंग कॉलोनी में भी लोग जरूरत के हिसाब से जार बंद पानी खरीदकर खाना पकाने से लेकर अन्य काम निपटाते हैं.
पानी के लिए गहरी बोरिंग भी बेअसर
तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र में अब 350 फीट गहराई तक बोरिंग करने पर भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. बाजार में हाई पावर मशीनें आ गई हैं, जो 550-700 फीट गहराई तक बोरिंग कर रही हैं, फिर भी कई इलाकों में पानी नहीं निकल रहा. खासतौर पर पिस्का मोड़, विद्यानगर, स्वर्णजयंती नगर, कैलाश नगर, मधुकम, हरमू और कांके जैसे इलाकों में लोग गहरी बोरिंग कराने के बावजूद पानी के लिए परेशान हैं.
मिनी एचवाईडीटी और एचवाईडीटी योजनाएं ठप
रांची नगर निगम में फंड की कमी के कारण पिछले पांच-छह वर्षों से एचवाईडीटी (डीप बोरिंग, मोटर और पानी की टंकी) और मिनी एचवाईडीटी (चार इंच बोरिंग, मोटर और पानी की टंकी) की योजनाएं बंद हैं. इससे उन इलाकों में जलसंकट ज्यादा बढ़ गया है, जहां पाइपलाइन की सुविधा नहीं है और लोग बोरिंग पर निर्भर हैं. नगर निगम क्षेत्र में कुल 1,611 मिनी एचवाईडीटी हैं, लेकिन इनमें से सौ से अधिक बंद हो चुके हैं. एचवाईडीटी की कुल संख्या 181 है. गर्मी बढ़ने पर ये योजनाएं जलसंकट को दूर करने में कारगर साबित नहीं हो पा रही हैं.
नगर निगम में हैंडपंप और टैंकर जलापूर्ति की स्थिति
रांची नगर निगम क्षेत्र में कुल 2,756 हैंडपंप हैं, जिनमें से 2,507 सक्रिय हैं, जबकि 121 पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. सिर्फ 128 हैंडपंप ऐसे हैं, जो बारिश के बाद भूजल स्तर बढ़ने पर ही सही तरीके से काम कर पाते हैं. जलसंकट से निपटने के लिए नगर निगम की ओर से 49 वार्डों में टैंकर के जरिए जलापूर्ति की जाती है. सिर्फ चार वार्ड (06, 07, 21 और 47) में टैंकर से पानी नहीं दिया जाता. मोरहाबादी, बरियातू, मेन रोड, हरमू, हिंदपीढ़ी और तुपुदाना में पूरे साल टैंकर से निशुल्क जलापूर्ति होती है.