रांची। होली का उत्साह पूरे देश में चरम पर है, और इसी के साथ अपने घर लौटने वाले यात्रियों की भीड़ रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर उमड़ रही है। रांची रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को बिहार जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ देखी गई। अधिकांश ट्रेनों में यात्रियों के लिए सीट उपलब्ध नहीं थी, जिससे लोगों को खचाखच भरी बोगियों में सफर करना पड़ा। जनरल डिब्बों में यात्रियों को खड़े होकर सफर करना पड़ा, जबकि कुछ यात्री ट्रेन के दरवाजों और गैलरी में भी बैठने को मजबूर दिखे।
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बिहार के लिए सबसे अधिक भीड़
रांची से पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नवादा, गया, जमुई, बक्सर, भोजपुर, सहरसा, भागलपुर और पूर्णिया जाने वाली ट्रेनों और बसों में सबसे अधिक भीड़ देखी गई। कई यात्री अपनी यात्रा को आसान बनाने के लिए अलग-अलग स्टेशनों तक सफर कर ट्रेन बदलने की योजना बना रहे हैं। बिहार के पूर्णिया जा रहे यात्री राजेश ठाकुर ने बताया कि वह पहले रांची से देवघर जाएंगे और फिर वहां से ट्रेन बदलकर अपने गृहनगर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, “इससे भीड़ की समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है और मुझे आराम से बैठने की भी जगह मिल सकती है।”
बसों में भी नहीं सीट, बोनट पर सफर करने को मजबूर यात्री
रांची के खदगाढ़ा बस स्टैंड पर भी यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से लेकर देर शाम तक बस स्टैंड यात्रियों से भरा रहा। सबसे अधिक भीड़ बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए जाने वाली बसों में देखी गई। बसों में जगह न मिलने के कारण यात्री बसों की छतों, बोनट और सीढ़ियों पर बैठकर सफर करने को मजबूर दिखे। कई यात्रियों ने निजी गाड़ियां बुक कर घर जाने का विकल्प चुना।
फ्लाइट्स भी हुईं लेट
हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। मंगलवार को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली कई फ्लाइट्स देरी से रवाना हुईं।
- रांची-भुवनेश्वर विमान (6ई 7362) 2 घंटे 46 मिनट की देरी से उड़ा।
- रांची-दिल्ली विमान (आइएक्स 1103) 1 घंटे की देरी से रवाना हुआ।
- रांची-चेन्नई (6ई 209) 41 मिनट और रांची-पुणे (6ई 6272) 38 मिनट की देरी से चलीं।
- रांची-बेंगलुरु (आइएक्स 2710) 36 मिनट और रांची-कोलकाता (6ई 7235) 24 मिनट की देरी से उड़ी।
इसके अलावा, भुवनेश्वर से रांची आने वाली फ्लाइट (6ई 7361) 1 घंटे 45 मिनट की देरी से पहुंची।
घर जाने की जद्दोजहद जारी
त्योहारों पर अपने घर लौटने की चाहत में यात्री किसी भी तरह सफर करने को तैयार हैं। ट्रेनों और बसों की भीड़ के बावजूद लोगों का जोश कम नहीं हो रहा है। यात्रियों को उम्मीद है कि किसी भी तरह वे होली अपने परिवार के साथ मना सकेंगे, भले ही सफर थोड़ा मुश्किल क्यों न हो।