रांची जेल में अपराधियों पर लगेगी लगाम, हाईटेक जैमर से नहीं कर पाएंगे फोन पर ‘हैलो-हाय’……

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य की जेलों में बंद अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है. दरअसल, झारखंड की जेलों से लगातार यह शिकायतें मिलती रही हैं कि जेल में बंद अपराधी मोबाइल फोन के जरिए न केवल बाहर अपने गैंग से संपर्क में रहते हैं, बल्कि कारोबारियों से रंगदारी मांगने जैसे अपराधों को भी अंजाम दे रहे हैं. इस समस्या को खत्म करने के लिए सरकार ने राज्य की सभी प्रमुख जेलों में हाईटेक जैमर लगाने का फैसला लिया है. फिलहाल रांची समेत झारखंड की जेलों में पुराने टू-जी जैमर लगे हुए हैं, जिनकी वजह से अपराधियों के मोबाइल नेटवर्क को पूरी तरह ब्लॉक नहीं किया जा पा रहा था. अपराधी थ्री-जी, फोर-जी और यहां तक कि फाइव-जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर आराम से बाहर बात कर रहे थे. इसी का फायदा उठाकर वे कारोबारी, बिल्डर और अन्य लोगों से फोन पर रंगदारी की मांग करते थे. पैसे न देने पर वे अपने गैंग के जरिए हमला करवाने की धमकी भी देते थे. इससे व्यवसायियों और आम लोगों में लगातार डर का माहौल बना हुआ था. अब सरकार के इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि जेल से हो रहे अपराधों पर पूरी तरह लगाम लग सकेगी. हेमंत सरकार ने 2025-26 के बजट में हाईटेक जैमर लगाने के लिए फंड की मंजूरी दी है. जल्द ही झारखंड की प्रमुख जेलों में ये जैमर लगाए जाएंगे. इस फैसले पर रिटायर्ड डीएसपी अरविंद कुमार सिन्हा ने कहा कि यह बहुत ही जरूरी और सराहनीय कदम है, जिसे पहले ही लागू किया जाना चाहिए था. उनका मानना है कि हाईटेक जैमर लग जाने से जेल में बैठे अपराधियों की ताकत खत्म हो जाएगी और पुलिस को भी राहत मिलेगी. अब तक पुलिस के लिए ये अपराधी जेल में रहकर भी सिरदर्द बने हुए थे. कई बार एक ही अपराधी को बार-बार एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करना पड़ता था ताकि उसका गैंग से संपर्क टूट सके. लेकिन अब हाईटेक जैमर लगने से ऐसा करने की जरूरत भी कम पड़ेगी.

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