झारखंड बजट 2025: सदन में पक्ष-विपक्ष की तीखी नोकझोंक

रांची: झारखंड सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट 2025 पर विधानसभा में दूसरे दिन भी तीखी बहस देखने को मिली। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद उभरकर सामने आए। विशेष रूप से शिक्षा, बेरोजगारी और विकास योजनाओं को लेकर दोनों पक्षों में जमकर बयानबाजी हुई।

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शिक्षा को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा

बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री द्वारा यह बताया गया कि राज्य के 80% बच्चे सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस बयान पर भाजपा विधायक नीरा यादव ने आपत्ति जताई और सवाल किया कि निजी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चे कहां से आ रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन तो बढ़ाने का प्रयास किया गया, लेकिन ड्रॉपआउट की संख्या लगातार बढ़ रही है।

बेरोजगारी पर भी उठे सवाल

पूर्व मंत्री नीरा यादव ने कहा कि पिछले पाँच वर्षों में बेरोजगारी कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने बजट में बेरोजगारों के लिए किसी भी ठोस प्रावधान की कमी को उजागर किया और कहा कि सरकार की नीतियाँ युवाओं के प्रति उदासीन हैं। भाजपा विधायक जयराम महतो ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि बजट से साफ है कि इस वर्ष कोई महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ नहीं की जाएंगी।

सत्ता पक्ष ने विपक्ष को दिया करारा जवाब

सत्ता पक्ष ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए बजट की सराहना की। विधायक अरुप चटर्जी ने धनबाद में मेडिकल कॉलेज और टेक्निकल यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव पर खुशी जाहिर की और इसे राज्य के लिए एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने धनबाद में एयरपोर्ट की स्थापना की भी मांग रखी।

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से राज्य की जनता के हित में है और इससे विकास कार्यों को गति मिलेगी। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने इसे ‘अबुआ बजट’ करार देते हुए कहा कि यह सभी वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

संथाल में जनसंख्या घटने के मुद्दे पर बहस

विधायक लुईस मरांडी ने बजट की सराहना करते हुए इसे समाज के हर वर्ग के हित में बताया। वहीं, विपक्ष ने संथाल परगना क्षेत्र में जनजातीय जनसंख्या में कमी को लेकर सवाल उठाए। इस पर सत्ता पक्ष ने जवाब देते हुए कहा कि इस्लामिक स्टेट और बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण जनसंख्या में कमी का दावा करना अनुचित है। झारखंड बजट 2025 पर सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। जहाँ विपक्ष ने सरकार की नीतियों और योजनाओं को लेकर सवाल खड़े किए, वहीं सत्ता पक्ष ने इसे राज्य के विकास के लिए लाभकारी बताया। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह बजट जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है।

 

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