रांची: झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1 लाख 45,400 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया। राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन के पटल पर इस बजट को रखा। बजट पेश होने से पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जदयू विधायक सरयू राय ने केंद्र सरकार पर बकाया राशि का मुद्दा उठाया। इस पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने जवाब दिया।
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बकाया राशि को लेकर सरकार का रुख सख्त
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन में जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र से अपना बकाया लेकर ही रहेगी और इसे डंके की चोट पर लिया जाएगा। वहीं, मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने विस्तार से बताया कि केंद्र सरकार पर झारखंड के कितने और किस मद में बकाया हैं।
बजट में किन क्षेत्रों को मिली प्राथमिकता?
इस वर्ष के बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन को विशेष महत्व दिया गया है। सरकार का दावा है कि यह बजट राज्य के विकास को गति देगा और आम जनता को राहत प्रदान करेगा।
विपक्ष ने भी उठाए सवाल
बजट पेश होते ही विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। विपक्ष का कहना है कि पिछले साल के बजट में किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया, ऐसे में नए बजट को लेकर जनता में संदेह है। विपक्ष ने सरकार से यह भी पूछा कि बकाया राशि की वसूली को लेकर अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
जनता की उम्मीदें और सरकार की रणनीति
झारखंड की जनता को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। सरकार का कहना है कि यह बजट राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब यह देखना होगा कि यह बजट किस हद तक जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है।