रांची: वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर आज झारखंड विधानसभा में वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत करेंगे। इस महत्वपूर्ण बजट को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इसे 3D बजट करार दिया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे झूठे वादों पर आधारित सरकार का दस्तावेज बताया है।
Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P
भाजपा ने सरकार पर साधा निशाना
भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि झामुमो ने 2019 में किए वादों को अब तक पूरा नहीं किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि स्नातक और स्नातकोत्तर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता मिला या नहीं? हर साल पांच लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा पूरा हुआ या नहीं? और सबसे महत्वपूर्ण, 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने के वादे का क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि यह सरकार केवल खोखले वादे करने वाली सरकार है और जनता को गुमराह कर रही है।
सत्ता में समीकरणों की भूमिका
सीपी सिंह ने कहा कि झारखंड में सरकारें अक्सर चुनावी समीकरणों के आधार पर बनती हैं। वर्तमान महागठबंधन सरकार भी इन्हीं समीकरणों के चलते सत्ता में आई है। उन्होंने कहा कि आज प्रस्तुत किए जाने वाले बजट के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह सच में 3D बजट है या फिर Fail-D बजट।
विशेष समुदाय को विशेष सुविधाओं पर विवाद
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर रमजान के महीने में एक विशेष समुदाय को मिलने वाली सुविधाओं का मुद्दा उठाए जाने पर भी सीपी सिंह ने समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजधानी में अतिक्रमण हटाने के अभियान को धार्मिक आधार पर भेदभाव के साथ चलाया जा रहा है। सरकारी अधिकारी हिंदू बहुल इलाकों में सख्ती दिखाते हैं, जबकि एक विशेष समुदाय के क्षेत्रों में नरमी बरती जाती है।
राजनीतिक टकराव जारी
सीपी सिंह ने महागठबंधन की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन पार्टियों को जिहादी मानसिकता वाले वोटों की जरूरत होती है, इसलिए वे किसी भी स्तर तक जा सकते हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि मुखिया चुनाव के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों को क्या सजा मिली?
झारखंड की राजनीति में इस तरह की बयानबाजी से यह साफ है कि आगामी दिनों में भाजपा और महागठबंधन के बीच राजनीतिक टकराव और तेज हो सकता है।