झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने राज्य के मंत्री इरफान अंसारी को खुली चुनौती दी कि अगर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 लाख रुपये देने वाले बयान का प्रमाण सदन में दिखा दें तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. वहीं, अगर मंत्री इरफान अंसारी ऐसा नहीं कर पाते तो उन्हें खुद इस्तीफा देना होगा. इस बयान के बाद सदन में बहस और तेज हो गई.
सीपी सिंह और इरफान अंसारी के बीच तीखी बहस
झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान जब इरफान अंसारी ने केंद्र सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये डालने के वादे को लेकर हमला बोला, तो इस पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि यदि इरफान अंसारी इस तरह के बयान का कोई भी प्रमाण सदन में दिखा दें, तो वे बिना किसी संकोच के अपने विधानसभा सदस्य पद से इस्तीफा दे देंगे. सीपी सिंह ने आगे कहा कि यदि इरफान अंसारी अपने दावे को साबित नहीं कर पाते, तो फिर उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. इस बयान के बाद सदन में माहौल गर्मा गया और दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई. इस मुद्दे पर सदन में बैठे अन्य विधायक भी चर्चा में शामिल हो गए और माहौल और ज्यादा राजनीतिक हो गया.
जेपीएससी में 1700 से अधिक पद खाली: नवीन जायसवाल
विधानसभा में बहस के दौरान भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने झारखंड में नौकरियों को लेकर बड़ा मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव प्रचार के दौरान 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन यह वादा आज तक पूरा नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) में 1700 से अधिक पद खाली पड़े हैं, लेकिन अब तक सरकार इन पदों को भरने में पूरी तरह विफल रही है. नवीन जायसवाल ने आगे कहा कि झारखंड में हर प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है, जिससे युवाओं के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि परीक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार बढ़ गया है और सरकार इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.
नगर पालिका सेनेटरी सुपरवाइजर भर्ती पर उठे सवाल
नवीन जायसवाल ने नगर पालिका सेनेटरी सुपरवाइजर भर्ती पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इस भर्ती के तहत 600 से अधिक पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी, लेकिन उसमें जो शैक्षणिक योग्यता मांगी गई थी, वह झारखंड के किसी भी संस्थान में उपलब्ध ही नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राज्य में इस कोर्स की पढ़ाई ही नहीं होती तो फिर यहां के युवा इस पद के लिए आवेदन कैसे करेंगे? उन्होंने सरकार से इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर जवाब मांगा और कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि झारखंड के युवाओं को बाहर से पढ़ाई करने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है. अगर इस भर्ती में राज्य के युवाओं को ही मौका नहीं मिलेगा, तो फिर झारखंड में रोजगार की स्थिति और बदतर होती जाएगी.
विपक्ष ने सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
भाजपा विधायकों ने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया कि उसने चुनाव में युवाओं को नौकरी देने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के जो वादे किए थे, वे आज तक पूरे नहीं हुए. सरकार की बेरोजगारी दूर करने की नीतियों को पूरी तरह विफल बताते हुए विपक्षी दलों ने हेमंत सरकार को कटघरे में खड़ा किया. भाजपा विधायक नवीन जायसवाल और सीपी सिंह ने कहा कि सरकार युवाओं को सिर्फ झूठे सपने दिखा रही है. झारखंड के युवा लगातार सरकारी नौकरियों की तैयारियों में जुटे रहते हैं, लेकिन परीक्षा के पेपर लीक हो जाते हैं या फिर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियां सामने आती हैं.
विधानसभा में हंगामा और सरकार की सफाई
सीपी सिंह और नवीन जायसवाल के सवालों के बाद विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्रियों ने कहा कि नियोजित ढंग से नियुक्तियों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है और झारखंड के युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. सरकार ने कहा कि जेपीएससी समेत अन्य परीक्षाओं में हो रही देरी को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और जल्द ही सभी खाली पदों को भरा जाएगा. हालांकि, विपक्ष ने सरकार की इन दलीलों को नकार दिया और कहा कि यदि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम नहीं है, तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है.