जेपीएससी टॉपर शालिनी की आत्महत्या से उठा सवाल, संदेह के घेरे में 12,517 अफसरों की नियुक्ति……

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं में लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं. 29 में से 11 परीक्षाएं घोटाले की चपेट में आ चुकी हैं, जिनकी जांच सीबीआई कर रही है. इन परीक्षाओं से नियुक्त हुए 12,517 अधिकारी और कर्मचारी संदेह के घेरे में हैं. इसी सूची में शामिल जेपीएससी (वन) परीक्षा की टॉपर शालिनी विजय ने 22 फरवरी 2025 को केरल में आत्महत्या कर ली। उनकी मौत ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

घोटाले की पूरी कहानी

जेपीएससी, जो राज्य में निष्पक्ष भर्ती परीक्षाएं कराने के लिए जिम्मेदार संस्था है, खुद गड़बड़ बहाली का अड्डा बन गई है. भर्ती प्रक्रियाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं. घोटालों में जेपीएससी के अध्यक्ष से लेकर उत्तर पुस्तिका जांचने वाले शिक्षक तक आरोपी हैं.

इन प्रमुख गड़बड़ियों का खुलासा हुआ:

उत्तर पुस्तिकाओं में नंबर बढ़ाए गए – कई अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका के अंदर कम नंबर मिले थे, लेकिन मुख्य पृष्ठ पर अधिक अंक लिख दिए गए. जैसे किसी को अंदर 33 नंबर मिले थे, लेकिन बाहर 88 कर दिया गया.

• बिना उत्तर लिखे भी मिले अंक – कुछ अभ्यर्थियों ने उत्तर पुस्तिका खाली छोड़ दी थी, फिर भी उन्हें पास कर दिया गया.

• गलत जवाबों पर भी अंक दिए गए – कई उत्तर पुस्तिकाओं में गलत उत्तर होने के बावजूद उम्मीदवारों को अधिक नंबर दिए गए.

जेपीएससी की अनियमितताओं में बड़े राजनीतिक नाम भी सामने आए हैं. कई नेताओं और जेपीएससी के पूर्व सदस्यों के रिश्तेदारों को गलत तरीके से नौकरी मिली है.

इन प्रमुख नामों पर उठे सवाल:

अभ्यर्थी का नाम किसके रिश्तेदार

• मुकेश कुमार महतो सुदेश महतो (नेता)

• प्रशांत के लायेक प्रदीप यादव (नेता)

• राधा प्रेम किशोर राधा कृष्ण किशोर (नेता)

• रजनीश कुमार गोपाल पी. सिंह (पूर्व सदस्य जेपीएससी)

• कुंदन कुमार सिंह शांति देवी (पूर्व सदस्य जेपीएससी)

शालिनी विजय की आत्महत्या: डर या अपमान?

जेपीएससी (वन) की टॉपर शालिनी विजय उन्हीं 12,517 अधिकारियों में से थीं, जिनकी नियुक्ति अब संदेह के घेरे में है. शालिनी अपनी नियुक्ति की सीबीआई जांच का सामना कर रही थीं और सार्वजनिक अपमान के डर से परेशान थीं. कहा जा रहा है कि इस मानसिक दबाव के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली.

किन परीक्षाओं की हो रही है सीबीआई जांच?

जेपीएससी की जिन 11 परीक्षाओं में घोटाले हुए, उनकी जांच सीबीआई कर रही है। इनमें प्रमुख हैं:

• प्रथम व द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा

• सहायक और कनीय अभियंता नियुक्ति

• विश्वविद्यालयों में डिप्टी रजिस्ट्रार नियुक्ति

• व्याख्याता नियुक्ति परीक्षा

• झारखंड पात्रता परीक्षा

• प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा

• सीमित सिविल सेवा परीक्षा

• सहकारिता सेवा परीक्षा

• चिकित्सक नियुक्ति परीक्षा

• बाजार पर्यवेक्षक नियुक्ति परीक्षा

जेपीएससी की वर्तमान स्थिति चिंताजनक

जेपीएससी में पिछले 7 महीने से अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है, जिससे 1700 से अधिक नियुक्तियां अटकी हुई हैं. न तो रिजल्ट निकल रहा है और न ही परीक्षाओं की तारीख घोषित हो रही है. अभ्यर्थी लगातार परेशान हो रहे हैं.

अगर अध्यक्ष की नियुक्ति होती है तो ये नियुक्तियां संभव होंगी:

• 11वीं से 13वीं सिविल सेवा परीक्षा – जून 2024 में परीक्षा हुई थी, लेकिन आगे की प्रक्रिया ठप पड़ी है.

• फूड सेफ्टी ऑफिसर बहाली – 2024 में परीक्षा हुई थी, लेकिन कोई अपडेट नहीं है.

• बाल विकास परियोजना पदाधिकारी – प्रारंभिक परीक्षा हो चुकी है, लेकिन रिजल्ट जारी नहीं हुआ है.

जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. परवेज हसन का कहना है कि निष्पक्ष भर्ती परीक्षाओं के लिए एआई तकनीक और सीबीटी मोड का उपयोग जरूरी है.

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