तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में 22 फरवरी की सुबह हुए हादसे में, पानी के तेज बहाव और ढीली मिट्टी के गिरने से श्रमिकों में से आठ लोग फंस गए हैं।
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झारखंड के रहने वाले श्रमिक निर्मल साहू ने बताया, “जब हम सुरंग में प्रवेश किए, तो अचानक पानी का स्तर काफी बढ़ गया और मिट्टी ढहने लगी। जिन साथियों को खतरा महसूस हुआ वे तुरंत बाहर निकल गए, लेकिन आठ लोग अंदर ही फंस गए हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही उन्हें सुरक्षित बाहर निकालेगी।”
बचाव अभियान पर कड़ी नजर
भारतीय सेना, राष्ट्रीय डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) तथा अन्य एजेंसियां पिछले 48 घंटों से अथक प्रयास कर रही हैं। प्रशासन निरंतर निगरानी में लगा हुआ है और श्रम विभाग पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विशेष नजर है। एडिशनल लेबर ऑफिसर समेत अन्य अधिकारी स्थिति की रिपोर्ट नियमित रूप से ले रहे हैं।
परिजनों की तत्काल व्यवस्था
इस बीच, झारखंड के फंसे श्रमिकों के परिजनों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर हवाई जहाज द्वारा तेलंगाना भेजा गया है। गुमला जिला प्रशासन के नेतृत्व में, चार परिवारों में से एक-एक सदस्य, पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक कर्मी बिरसा मुंडा, रांची के हवाई अड्डे से तेलंगाना के लिए रवाना किए गए हैं। टनल प्रोजेक्ट में फंसे श्रमिकों में से चार मजदूर गुमला के हैं।
सरकार और संबंधित एजेंसियां इस हादसे में फंसे श्रमिकों को जल्द सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयासरत हैं।