म्युचुअल फंड में निवेश का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में पिछले छह वर्षों में म्युचुअल फंड में निवेश साढ़े तीन गुना बढ़ा है. जनवरी 2025 तक झारखंड का कुल म्युचुअल फंड निवेश 73,100 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि दिसंबर 2019 में यह केवल 21,087 करोड़ था. म्युचुअल फंड में निवेश के मामले में महाराष्ट्र देश में सबसे आगे है. यहां प्रति व्यक्ति निवेश 2,20,770 रुपए है. वहीं, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली भी शीर्ष निवेश करने वाले राज्यों में शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति निवेश 13,840 रुपए, मध्य प्रदेश में 12,360 रुपए, राजस्थान में 16,050 रुपए और झारखंड में यह आंकड़ा 19,000 रुपए तक पहुंच गया है. बिहार में प्रति व्यक्ति निवेश मात्र 5,540 रुपए है. झारखंड ने इस मामले में राजस्थान और मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है, जिससे यह राज्य निवेश के क्षेत्र में तेजी से उभरता दिख रहा है.
गिरते बाजार में एसआईपी निवेश फायदेमंद
वित्तीय सलाहकार ललित त्रिपाठी के अनुसार, यह समय एसआईपी करने वालों के लिए बेहतर अवसर लेकर आया है. गिरते बाजार में निवेश करना हमेशा फायदेमंद रहता है और यह अनिश्चितता एसआईपी निवेशकों के लिए एक बेहतरीन मौका हो सकता है. सेबी ने छोटे निवेशकों को म्युचुअल फंड में शामिल करने के लिए छोटे निवेश का विकल्प दिया है, जिससे गांवों के निवेशक भी इससे जुड़ सकें. उन्होंने कहा कि छोटे रकम की एसआईपी शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्र के निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी. इससे म्युचुअल फंड का बाजार अगले साल तक 20% तक बढ़ सकता है. वर्तमान में युवा निवेशकों की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि वे रिटायरमेंट और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कमाई का एक हिस्सा निवेश कर रहे हैं. छोटी कमाई वाले लोग भी बचत कर सकें, इसके लिए विभिन्न कंपनियां छोटी राशि के निवेश प्लान ला रही हैं.
झारखंड और पड़ोसी राज्यों का निवेश
आंकड़ों के अनुसार, झारखंड का कुल म्युचुअल फंड निवेश 73,100 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. अन्य पड़ोसी राज्यों की स्थिति कुछ इस प्रकार है:
• बिहार: 36,400 करोड़ रुपए
• ओडिशा: 42,500 करोड़ रुपए
• छत्तीसगढ़: 65,100 करोड़ रुपए
• असम: 68,200 करोड़ रुपए
छह वर्षों में निवेश में जबरदस्त वृद्धि
झारखंड में म्युचुअल फंड निवेश में पिछले छह वर्षों में तेजी से इजाफा हुआ है. 2019 में जहां यह आंकड़ा 21,087 करोड़ था, वहीं 2020 में यह बढ़कर 25,972 करोड़, 2021 में 35,087 करोड़, 2022 में 41,980 करोड़, 2023 में 54,239 करोड़ और 2024 में 73,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया.
छोटे निवेशकों के लिए विशेष योजनाएं
एम्फी ने छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नई योजनाएं शुरू की हैं. शुक्रवार को “छोटी एसआईपी” और “तरुण योजना” लॉन्च की गई. इनका उद्देश्य अधिक से अधिक निवेशकों को जोड़ना और उन्हें वित्तीय जागरूकता प्रदान करना है. छोटी एसआईपी मात्र 250 रुपए से शुरू की जा सकती है, जिससे आम आदमी भी निवेश कर सकेगा. वहीं, तरुण योजना के तहत स्कूलों में बच्चों को पैसे के सही प्रबंधन और निवेश के बारे में सिखाया जाएगा, जिससे वे बचपन से ही वित्तीय समझ विकसित कर सकें. इसके अलावा, “मित्रा” नामक एक विशेष प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया गया है, जो लोगों को उनके पुराने या भूले हुए म्युचुअल फंड निवेश को खोजने में मदद करेगा.