झारखंड सरकार ने राज्य में गुटखा और पान मसाला की बिक्री, सेवन और भंडारण पर एक साल के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इस फैसले के बाद राज्य भर में इन उत्पादों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. कई दुकानदारों ने बैन के बावजूद चोरी-छिपे इनकी बिक्री जारी रखी है और अधिक कीमत वसूल रहे हैं.
सरकार की सख्ती, फिर भी जारी है गुटखा की बिक्री
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने चेतावनी दी है कि अगर कोई दुकानदार या व्यक्ति इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बावजूद इसके, कई इलाकों में अब भी गुटखा और पान मसाला की बिक्री हो रही है. जमुआ क्षेत्र समेत अन्य इलाकों में पान दुकान, जनरल स्टोर, ठेले और चाय दुकानों पर यह उत्पाद खुलेआम बेचे जा रहे हैं. दुकानदार मनमाने दाम वसूल रहे हैं, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा हो रहा है.
महंगे दामों में बिक रहा है गुटखा
प्रतिबंध लगने से पहले जो गुटखा और पान मसाला 5, 10 या 30 रुपये में बिकते थे, अब वे ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं. दुकानदारों को डर तो है, लेकिन वे चोरी-छिपे बिक्री जारी रखे हुए हैं. ग्राहकों से इन उत्पादों की काला बाजारी कर ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं.
जुर्माना और कार्रवाई के बावजूद जारी है अवैध बिक्री
सरकार ने गुटखा और पान मसाला बेचने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. अब तक तंबाकू बेचने वाले पांच दुकानदारों पर जुर्माना लगाया गया है. हालांकि, इस बैन के बाद अब दुकानदार इन्हें काउंटर पर रखने की बजाय छुपाकर बेच रहे हैं.
खैनी पर नहीं दिख रहा प्रशासन का असर
गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद, राज्य में खैनी की बिक्री खुलेआम हो रही है. कई दुकानदार इसे बिना किसी डर के बेच रहे हैं. जब कुछ दुकानदारों से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि खैनी पर किसी प्रकार की पाबंदी नहीं लगाई गई है, इसलिए वे इसे बेच रहे हैं.
पहले भी लग चुका है प्रतिबंध
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड सरकार ने गुटखा और पान मसाला पर प्रतिबंध लगाया है. 8 मई 2020 को इन उत्पादों में मैग्नेशियम कार्बोनेट मिलने के कारण बैन लगाया गया था. इसके बाद 2022 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 11 ब्रांडों पर प्रतिबंध लगाया था. अब एक बार फिर इस पर पूर्ण रोक लगा दी गई है, लेकिन इसका पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है.