रांची। मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने जिला स्तर पर विभिन्न कारणों से योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का समाधान समन्वय बनाकर करने का निर्देश दिया है। उन्होंने राज्य के तमाम उपायुक्तों को कहा कि वे कार्यों का कैलेंडर बनाकर योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करें। उन्होंने निर्देश दिया कि कैलेंडर के अनुसार विभिन्न मसलों से जुड़ी बैठकें आयोजित करें और उसकी रिपोर्ट समय पर संबंधित विभागों को सौंपें। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और विभागों को भी कार्य सुचारू रूप से करने में सहूलियत होगी।
Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P
योजनाओं की समीक्षा और समाधान पर जोर
मुख्य सचिव ने कहा कि योजनाओं के बाधित होने से उसमें खर्च हुई राशि का लाभ राज्य को नहीं मिल पाता है, इसलिए योजनाओं का भौतिक निरीक्षण करते हुए समस्याओं के समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाए। गुरुवार को विभिन्न विभागों की उन योजनाओं की समीक्षा की गई, जो जिला स्तर पर किसी न किसी कारण से बाधित या धीमी गति से चल रही हैं। समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि अधिकांश योजनाएं 70 से 80 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुकी हैं, लेकिन शेष कार्य में कुछ बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
नगर विकास विभाग की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा
मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग की रांची शहरी सीवरेज स्कीम, वाटर सप्लाई स्कीम और पम्पिंग स्टेशन के क्रियान्वयन में जमीन को लेकर आ रही समस्या के समाधान के लिए समयबद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। रांची के उपायुक्त ने बताया कि अधिकांश मामलों में समाधान किया जा चुका है। इसी तरह रामगढ़, धनबाद, कोडरमा, साहिबगंज, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, पलामू और बोकारो में शहरी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर सप्लाई योजनाओं को धरातल पर उतारने में जमीन की समस्या सामने आई। उपायुक्तों को विशेष पहल कर जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की स्थिति
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नल से जल योजना के तहत प्रत्येक घर को जोड़ने और गांवों को ओडीएफ घोषित करने का कार्य लगभग अंतिम चरण में है। हालांकि, कुछ गांवों में चार-पांच घर योजना से छूट गए हैं, जिससे योजना अपूर्ण रह जाती है। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को अतिरिक्त रुचि लेकर इस कार्य को शीघ्र पूरा करने को कहा।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार हेतु निर्देश
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने बताया कि विभिन्न जिलों में डिग्री कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज और राजकीय अभियंत्रण कॉलेज के निर्माण में भूमि की समस्या बनी हुई है। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। स्कूली शिक्षा विभाग के तहत क्वालिटी एजुकेशन के लिए चयनित स्कूलों में उपलब्ध कराए गए संसाधनों का समुचित उपयोग करने पर जोर दिया गया।
कृषि योजनाओं की समीक्षा
कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान पाया गया कि पीएम किसान योजना, बिरसा ग्राम सह समेकित पाठशाला, बिरसा-पीएम फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, आईसीडीपी एवं डीसीडीसी के कार्यान्वयन में कुछ मुद्दे सामने आ रहे हैं। फसल बीमा योजना में कुछ मामलों में वास्तविक भूमि से अधिक भूमि पर बीमा आवेदन दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने ऐसे अनधिकृत दावों की जांच कर उन्हें खारिज करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत लाभार्थियों को पशु देने के साथ-साथ उसका बीमा भी सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही, कृषि योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमिटी और डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कमिटी की नियमित बैठक करने का निर्देश दिया।
जल संसाधन विभाग की परियोजनाओं की स्थिति
जल संसाधन विभाग की परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान पाया गया कि भूमि अधिग्रहण, अतिक्रमण, वन विभाग की मंजूरी, स्थानीय विवाद, मुआवजा जैसे कारणों से कई योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। मुख्य सचिव ने संबंधित उपायुक्तों को निर्देश दिया कि प्रशासनिक स्तर पर इन बाधाओं को दूर कर परियोजनाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जाए। इसके अतिरिक्त, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग और ऊर्जा विभाग की समस्याओं की भी समीक्षा की गई और उपायुक्तों को आवश्यक निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन और कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए राज्य की प्रगति को गति देने पर बल दिया।