झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स (RIMS) में उस समय हड़कंप मच गया जब प्रशासन ने परिसर में खड़ी 240 एंबुलेंस को जब्त कर लिया. इस कार्रवाई से एंबुलेंस चालकों में भारी आक्रोश है, वहीं मरीजों और उनके परिजनों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
क्या है पूरा मामला?
रिम्स, राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां झारखंड के अलग-अलग जिलों से मरीज इलाज के लिए आते हैं. हालांकि, इतने बड़े अस्पताल में पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण एंबुलेंस चालकों को अपनी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी करनी पड़ती हैं. इससे रिम्स परिसर में लगातार जाम की समस्या बनी रहती है. प्रशासन का कहना है कि मरीजों और अस्पताल कर्मियों को जाम की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इसे देखते हुए रिम्स प्रशासन ने 240 एंबुलेंस को जब्त करने का फैसला लिया. जब्त की गई सभी एंबुलेंस को बरियातू थाने में रखा गया है.
एंबुलेंस चालकों और प्रशासन के बीच झड़प
जब प्रशासन ने एंबुलेंस हटाने की कार्रवाई शुरू की, तो एंबुलेंस चालकों और प्रशासन के बीच झड़प हो गई. चालकों का कहना है कि अस्पताल में पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं की गई, ऐसे में वे अपनी गाड़ियों को कहां खड़ा करें? उनका आरोप है कि बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए प्रशासन ने मनमाने तरीके से कार्रवाई की, जिससे उनका रोजगार भी प्रभावित हो रहा है.
मरीजों के परिजनों की बढ़ी चिंता
इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन मरीजों और उनके परिजनों पर पड़ा, जो एंबुलेंस के सहारे रिम्स आते-जाते हैं. मरीजों के लिए एंबुलेंस बेहद जरूरी सेवा है, और इतनी बड़ी संख्या में एंबुलेंस के जब्त होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. गंभीर मरीजों को लाने-ले जाने में भारी दिक्कतें हो रही हैं.
हड़ताल की आशंका से और बढ़ेगी समस्या
इस कार्रवाई से नाराज एंबुलेंस चालक हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रहे हैं. अगर ऐसा हुआ तो रिम्स ही नहीं, पूरे रांची और झारखंड के अन्य इलाकों में भी एंबुलेंस सेवा प्रभावित हो सकती है. इस स्थिति में मरीजों को अस्पताल लाने और ले जाने में और अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
क्या हो सकता है समाधान?
रिम्स प्रशासन को चाहिए कि वह पार्किंग के लिए उचित व्यवस्था करे ताकि एंबुलेंस चालक अपनी गाड़ियां सही जगह पर खड़ी कर सकें. वहीं, एंबुलेंस संचालकों को भी चाहिए कि वे अस्पताल परिसर में अनावश्यक रूप से गाड़ियों को खड़ा न करें ताकि जाम की स्थिति न बने.