केंदू पत्ता बिक्री से सिमडेगा में 3.5 करोड़ रुपये का राजस्व….

सिमडेगा जिले में इस वर्ष केंदू पत्ता बिक्री से सरकारी खजाने में 3.5 करोड़ रुपये का राजस्व आएगा. पिछले वर्ष की तुलना में, इस वर्ष मजदूरी में वृद्धि की गई है, जिससे मजदूरों को प्रति मानक बोरे 130 रुपये अधिक मिलेंगे. एक मानक बोरे में एक हजार बंडल होते हैं, और प्रत्येक बंडल में 42 पत्ते होते हैं. इस बिक्री से सरकार को न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे राज्य में महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ होने की उम्मीद है. जिले के शत प्रतिशत लाटों की बिक्री हो चुकी है, और यह बिक्री का दौर अब भी जारी है. केंद्र सरकार के अंतर्गत, राज्य में कुल 32 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है. सरकार ने केंदू पत्ता तुड़ाई की मजदूरी दर तय कर दी है, जिसके तहत श्रमिकों को प्रति मानक बोरे 1888.30 रुपये मिलेंगे. इस कार्य में मजदूरी का भुगतान समिति के माध्यम से किया जाएगा, जिससे श्रमिकों को नियमित और पारदर्शी भुगतान मिल सके. केंदू पत्ता का मुख्य उपयोग बीड़ी बनाने में होता है, और इस पर निर्भरता ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के एक सशक्त स्रोत के रूप में बनी हुई है. इसके अलावा, एक बंडल में सामान्यतः 42 पत्ते होते हैं, लेकिन कुछ जगहों पर 52 पत्ते भी होते हैं. खराब मौसम और बारिश के कारण पत्तों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, और ऐसे में बीड़ी बनाने के लिए इनका उपयोग नहीं किया जा सकता. केंदू पत्ता तोड़ने का कार्य मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है. लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं इस कार्य में शामिल होती हैं. खासकर जून के महीने में, जब खेती-बाड़ी में कोई खास काम नहीं होता, महिलाएं केंदू पत्ता तोड़ने का काम करती हैं और अपने परिवार के लिए आय अर्जित करती हैं. इस कार्य से उन्हें एक माह तक रोजगार मिलता है, जिससे उनका आर्थिक योगदान महत्वपूर्ण होता है. महिलाएं समूहों में काम करती हैं. वे सुबह घर से निकलकर टोकरी में पत्तियां तोड़ने के लिए जाती हैं और फिर इन्हें सुखाकर संग्रह करती हैं. इसके बाद इन पत्तियों को भंडारण के लिए भेजा जाता है. एक श्रमिक प्रतिदिन 300 से 400 रुपये तक कमा सकता है, जो उनके आर्थिक समर्थन का महत्वपूर्ण स्रोत बनता है. केंदू पत्ता संग्रह और तुड़ाई से जुड़े इस कार्य ने सिमडेगा जिले में ग्रामीण महिलाओं के लिए एक नया रोजगार और आर्थिक अवसर उत्पन्न किया है. राज्य सरकार की पहल से इस क्षेत्र में और अधिक सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को लाभ मिल सके.

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