झारखंड में कांग्रेस मंत्रियों के कामकाज पर होगी कड़ी नजर, हर महीने देनी होगी रिपोर्ट….

झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के कामकाज को लेकर पार्टी आलाकमान ने सख्त रुख अपनाया है. पार्टी ने फैसला किया है कि अब कांग्रेस के मंत्रियों के कामकाज का हर महीने आकलन किया जाएगा और सोशल ऑडिट भी कराया जाएगा. जो मंत्री अपने विभागों में बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें सरकार में बनाए रखा जाएगा, जबकि कमजोर प्रदर्शन करने वालों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. कांग्रेस हाईकमान ने मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभागों पर पूरा ध्यान केंद्रित करें और जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दें.

हर महीने देनी होगी रिपोर्ट, छह महीने में होगा आकलन

आलाकमान ने निर्देश दिया है कि कांग्रेस कोटे के सभी मंत्री अपने विभागों के कार्यों की रिपोर्ट हर महीने तैयार करें. छह महीने या अधिकतम एक साल के काम के आधार पर मंत्रियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा. इसके लिए जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. यदि किसी मंत्री का प्रदर्शन खराब पाया जाता है, तो उन्हें हटाने पर विचार किया जाएगा.

सरकार में पिछलग्गू नहीं, सहयोगी बनकर करना होगा काम

पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया है कि कांग्रेस सिर्फ सरकार में एक घटक दल बनकर न रहे, बल्कि एक प्रभावी सहयोगी की भूमिका निभाए. झारखंड सरकार ने चुनाव के पहले ‘सात गारंटी’ नाम से साझा घोषणा पत्र जारी किया था, जो पूरे गठबंधन सरकार की गारंटी और निश्चय है. पार्टी ने मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे इन वादों को पूरा करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं.

विधायकों को भी संगठन और कार्यकर्ताओं को सम्मान देने का निर्देश

कांग्रेस आलाकमान ने मंत्रियों के साथ-साथ पार्टी विधायकों को भी जिम्मेदारी दी है कि वे संगठन को मजबूत करें और कार्यकर्ताओं को सम्मान दें. पार्टी का मानना है कि सरकार में कांग्रेस की मजबूती तभी बनी रहेगी जब संगठन और कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय होगा. विधायकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्रों में जनता के बीच जाकर सरकार की योजनाओं को प्रचारित करें और जनता को इनका लाभ दिलाने में सहयोग करें.

मंत्रियों के लिए तय किए गए मानक

पार्टी द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार, कांग्रेस मंत्रियों को निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना होगा:

• हर महीने की रिपोर्ट: मंत्रियों को अपने विभागों की प्रगति रिपोर्ट हर महीने तैयार करनी होगी.

• सोशल ऑडिट: जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का आकलन किया जाएगा.

• निष्पक्ष मूल्यांकन: छह महीने या एक साल के कार्यकाल के आधार पर मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा.

• साझा जिम्मेदारी: सरकार में पिछलग्गू नहीं, बल्कि सहयोगी बनकर काम करना होगा.

• सात गारंटी का क्रियान्वयन: चुनाव से पहले गठबंधन द्वारा जारी किए गए साझा वादों को पूरा करना होगा.

• विधायकों की भूमिका: विधायकों को पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मान देने और जनता से सीधा संवाद बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

प्रदेश अध्यक्ष का बयान: वेट एंड वॉच की रणनीति

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि मंत्रियों के कामकाज पर नजर रखी जा रही है. सरकार में कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण है और मंत्रियों को जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देनी होगी. सात गारंटी को एक-एक कर पूरा किया जाएगा. फिलहाल, पार्टी ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति अपना रही है और निश्चित समय सीमा के बाद मंत्रियों के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा.

झारखंड में कांग्रेस के मंत्री और उनके विभाग

• राधाकृष्ण किशोर: वित्त, वाणिज्य कर और योजना एवं विकास विभाग.

• डॉ. इरफान अंसारी: स्वास्थ्य, खाद्य सार्वजनिक वितरण, उपभोक्ता मामले और आपदा प्रबंधन विभाग.

• शिल्पी नेहा तिर्की: कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग.

• दीपिका पांडेय सिंह: ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य और पंचायती राज विभाग.

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