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उच्च शिक्षा होगी डिजिटल: सीएम हेमंत सोरेन 18 फरवरी को करेंगे 6 नए पोर्टल लॉन्च….

झारखंड में उच्च शिक्षा को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार ने छह नए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 18 फरवरी को प्रोजेक्ट भवन में इन पोर्टलों को लॉन्च करेंगे. इन पोर्टलों का उद्देश्य विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों में सहूलियत प्रदान करना है. इसके साथ ही, राज्य सरकार झारखंड स्टूडेंट रिसर्च एंड इनोवेशन पॉलिसी 2025 को लागू करने की भी तैयारी कर रही है. इस संबंध में 18 फरवरी को एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नई नीति की रूपरेखा तय की जाएगी.

छह प्रमुख पोर्टल जो बदलेंगे उच्च शिक्षा प्रणाली

1. पे फिक्सेशन एंड वेरिफिकेशन सिस्टम पोर्टल

इस पोर्टल के जरिए राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन निर्धारण (पे फिक्सेशन) और वेरिफिकेशन को ऑनलाइन किया जाएगा. इससे वेतन निर्धारण की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी.

2. प्राइवेट यूनिवर्सिटी पोर्टल

राज्य में संचालित प्राइवेट विश्वविद्यालयों को अपने संस्थान से जुड़ी सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराने की सुविधा मिलेगी. साथ ही, जो नए निजी विश्वविद्यालय स्थापित करना चाहते हैं, वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

3. वित्त रहित कॉलेज अनुदान पोर्टल

झारखंड में कई वित्त रहित (अनएडेड) कॉलेज कार्यरत हैं, जिन्हें सरकार से अनुदान की जरूरत होती है. यह नया वित्त रहित कॉलेज ग्रांट पोर्टल इन कॉलेजों को ऑनलाइन माध्यम से अनुदान के लिए आवेदन करने और प्रक्रिया को ट्रैक करने की सुविधा देगा.

4. सीएम फेलोशिप फॉर एक्सीलेंस पोर्टल

इस पोर्टल के तहत राज्य के मेधावी और शोध में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शोध कार्य के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी. इसमें तीन तरह की छात्रवृत्ति योजनाएं शामिल हैं:

• मानकी मुंडा छात्रवृत्ति: शोध कार्य करने वाले विद्यार्थियों को ₹22,500 से ₹25,000 प्रति माह छात्रवृत्ति दी जाएगी.

• NET/CSIR उत्तीर्ण विद्यार्थियों को ₹25,000 और JET उत्तीर्ण विद्यार्थियों को ₹22,500 प्रति माह की वित्तीय सहायता मिलेगी.

• शोध कार्य के लिए 50 हजार से 2 लाख रुपये, विदेशी विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए 8 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी.

इसके अलावा, टीचिंग असिस्टेंटशिप के तहत ₹1500 से ₹2000 और रिसर्च असिस्टेंटशिप के लिए भी इसी राशि की सहायता दी जाएगी. हर साल 1,000 विद्यार्थियों का चयन इस योजना के तहत किया जाएगा.

5. अप्रेंटिसशिप मैनेजमेंट पोर्टल

इस पोर्टल के जरिए अप्रेंटिसशिप नियुक्ति और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल किया जाएगा. इससे विद्यार्थियों को इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के अवसरों की जानकारी और आवेदन की सुविधा मिलेगी.

6. लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल

यह पोर्टल विश्वविद्यालयों में ई-लर्निंग कोर्स की सुविधा प्रदान करेगा. इसके अलावा, फाइल ट्रैकिंग सिस्टम भी इसमें शामिल होगा, जिससे विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक कार्यों की गति बढ़ेगी और पारदर्शिता आएगी.

नई रिसर्च और इनोवेशन नीति पर भी होगी चर्चा

इन पोर्टलों के लॉन्च के साथ ही राज्य सरकार झारखंड स्टूडेंट रिसर्च एंड इनोवेशन पॉलिसी 2025 को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. इस नीति के तहत शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नए फंडिंग मॉडल, शोधकर्ताओं को प्रोत्साहन, और रिसर्च इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए 18 फरवरी को एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी.

उच्च शिक्षा में डिजिटल बदलाव की पहल

झारखंड सरकार द्वारा शुरू किए गए ये छह पोर्टल उच्च शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होंगे. इनसे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रशासनिक कार्य आसान होंगे, शिक्षकों और शोधार्थियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी और विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं का अधिक लाभ मिलेगा.

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