झारखंड में मंईयां सम्मान योजना की दूसरी किस्त को लेकर राज्यभर में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. दिसंबर माह की 2500 रुपये की राशि लाभुक महिलाओं के खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी, लेकिन जनवरी की राशि अब तक नहीं भेजी गई है. इस देरी को लेकर राज्य की करीब 59 लाख लाभुक महिलाएं चिंतित हैं, वहीं विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है.
अधिकारियों की चुप्पी, झामुमो का दावा
जनवरी की राशि कब मिलेगी? इस सवाल का जवाब देने से महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव मनोज कुमार और निदेशक एस. समीरा बच रहे हैं. मंगलवार को एस. समीरा ने मीडिया से मिलने से इंकार कर दिया. जब उनसे और मनोज कुमार से इस मुद्दे पर वाट्सऐप के माध्यम से सवाल किया गया, तो दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि, झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय बबलू ने दावा किया कि 10 दिन बाद एक साथ जनवरी और फरवरी दोनों माह की राशि लाभुकों के खाते में भेज दी जाएगी. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जुमलों की राजनीति वह करते हैं, जबकि झामुमो जो कहता है, वह करके दिखाता है.
बड़ी संख्या में अपात्र लाभुकों की पहचान
इस बीच, मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना के करीब 11 लाख लाभुकों के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं, जिससे उन्हें भुगतान मिलने में दिक्कत हो रही है. इसके अलावा, कई जिलों में डुप्लीकेसी के हजारों मामले सामने आए हैं. सरकार अब इन अपात्र लाभुकों की छंटनी कर रही है. पलामू जिले के चार प्रखंडों में 584 अपात्र लाभुक मिले हैं. इनमें सबसे चर्चित मामला बंगाल के यूसुफ और सूफनी खातून का है. यूसुफ ने 95 और सूफनी खातून ने 94 अलग-अलग आवेदन किए थे, जिनके जरिए उनके बैंक खातों में मंईयां सम्मान योजना की राशि पहुंची. इसके अलावा, कई ऐसे लाभुकों की पहचान हुई है, जिनकी मृत्यु काफी पहले हो चुकी है, लेकिन उनके नाम पर अब भी पैसा आ रहा था. राज्य सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इन अपात्र लाभुकों से सूद के साथ राशि वसूलने का निर्देश दिया है. सरकार का कहना है कि भौतिक सत्यापन के बाद ही अगली किस्त जारी की जाएगी.
दिसंबर की राशि 6 जनवरी को भेजी गई थी
झारखंड में मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों को हर माह 1000 रुपये दिए जाने का प्रावधान था, जो अगस्त 2024 से लागू हुआ था. लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने गोगो-दीदी योजना के तहत 2100 रुपये देने की घोषणा की, जिसके जवाब में तत्कालीन सरकार ने राशि बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह कर दी और कैबिनेट से इस प्रस्ताव को पारित भी करवा लिया. बढ़ी हुई राशि का भुगतान दिसंबर 2024 से किया जा रहा है. 6 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नामकुम में एक कार्यक्रम के दौरान 56.61 लाख महिलाओं के खाते में दिसंबर माह की कुल राशि ₹1415 करोड़ ट्रांसफर की थी. उस समय कहा गया था कि हर महीने की 15 तारीख को पैसे खाते में डाले जाएंगे, लेकिन अब फरवरी का दूसरा सप्ताह आ चुका है, और जनवरी की राशि अब तक जारी नहीं हुई है.
भ्रम की स्थिति क्यों बनी हुई है?
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की चुप्पी से स्थिति और उलझ रही है. न तो वे लाभुकों को स्पष्ट जानकारी दे रहे हैं, न ही मीडिया को कोई बयान दे रहे हैं. इससे वास्तविक लाभुकों के बीच संशय और चिंता बढ़ रही है.