झारखंड: 54 कंपनियां लगाएंगी 800 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट, 3200 करोड़ का होगा निवेश….

झारखंड में सौर ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा निवेश होने जा रहा है. राज्य में 54 कंपनियों ने कुल 800 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है. इसके लिए कंपनियों ने झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (जेरेडा) द्वारा जारी निविदा में रुचि दिखाई है. अनुमान है कि इस परियोजना में कुल 3200 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और इससे राज्य में 3000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.

बड़ी कंपनियों ने जताई रुचि

• जेरेडा द्वारा जारी निविदा में कंपनियों से उनकी रुचि की अभिव्यक्ति मांगी गई थी. इस पर 54 कंपनियों ने न्यूनतम एक मेगावाट से लेकर 250 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया.

• आयरन ट्राइंगल ने 250 मेगावाट का प्लांट लगाने की इच्छा जताई है.

• इनलैंड पावर ने 100 मेगावाट के प्लांट का प्रस्ताव दिया है.

• सीएम प्लस ग्रुप ऑफ कंपनीज और सस्टाइना ने 50-50 मेगावाट का प्लांट लगाने का प्लान बनाया है.

• इसके अलावा कई अन्य कंपनियों ने भी छोटे स्तर पर प्लांट लगाने की पेशकश की है.

जेबीवीएनएल से लेनी होगी सहमति

अब इन कंपनियों के प्रस्तावों को झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के पास सहमति के लिए भेजा जाएगा. जेबीवीएनएल यह तय करेगा कि उसे किस क्षेत्र में कितनी मात्रा में सौर ऊर्जा की जरूरत है. इसके बाद जेरेडा द्वारा दर निर्धारित करने के लिए निविदा जारी की जाएगी. जब निविदा से न्यूनतम दर तय हो जाएगी, तो जेबीवीएनएल इन कंपनियों से सौर ऊर्जा खरीदने के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) करेगा. इसके बाद कंपनियां अपने प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर देंगी.

प्लांट लगाने के लिए स्थान का चयन बाकी

कंपनियों द्वारा अब तक सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए स्थल चिह्नित नहीं किया गया है. हालांकि, कुछ कंपनियों ने संभावित स्थानों की पहचान की है—

• मां दुर्गा कोल ट्रेडिंग – 20 मेगावाट (स्थान तय नहीं)

• श्री सिक्स जीरो इंफार्मेटिक्स लिमिटेड – 50 मेगावाट (स्थान तय नहीं)

• गि सोलर प्रोडक्ट प्रा. लि. – 10 मेगावाट (सोनारायठाड़ी, देवघर)

• एकेएस वेंचर प्रा. लि. – 50 मेगावाट (हरिहरगंज, डालटेनगंज)

• वैद्यावी जीयरिंग – 6 मेगावाट (मोहनपुर, देवघर)

• जय माता दी कंपनी – 10 मेगावाट (घाघरा, गुमला)

राज्य को मिलेगी स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा

झारखंड में कोयला आधारित ऊर्जा का बड़ा हिस्सा है, लेकिन सरकार अब हरित ऊर्जा की ओर बढ़ रही है. यह निवेश न केवल राज्य में स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देगा बल्कि विद्युत आपूर्ति में स्थिरता भी लाएगा.

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