झारखंड के मरीजों के लिए राहत की खबर है. अब छोटी-बड़ी सर्जरी के लिए उन्हें राजधानी रांची या अन्य बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा. राज्य सरकार ने 35.70 करोड़ रुपये की लागत से पांच मेडिकल कॉलेज—धनबाद, जमशेदपुर, दुमका, पलामू और हजारीबाग—सहित सभी जिला अस्पतालों में मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी) बनाने की स्वीकृति दे दी है. इस परियोजना को भवन निर्माण विभाग द्वारा पूरा किया जाएगा, और संबंधित जिलों के भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता की देखरेख में नौ महीने के भीतर इसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. इससे झारखंड के दूर-दराज के मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतरीन सर्जरी की सुविधा मिल सकेगी और उनकी जान बचाने में मदद मिलेगी.
रिम्स और रांची सदर अस्पताल में पहले से है यह सुविधा, अब अन्य जिलों में भी मिलेगा लाभ
राजधानी के रिम्स और रांची सदर अस्पताल में पहले से मॉड्यूलर ओटी की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा, धनबाद और जमशेदपुर के सुपरस्पेशलिटी विंग में भी यह तकनीक मौजूद है. लेकिन अब राज्य सरकार ने झारखंड के सभी जिला अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, जिससे दूर-दराज के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह के अनुसार, राज्य के ग्रामीण इलाकों से मरीजों को ऑपरेशन के लिए राजधानी या अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ता था, जिससे समय की बर्बादी और कई मामलों में मरीजों की मृत्यु तक हो जाती थी. अब मॉड्यूलर ओटी के निर्माण से ऑपरेशन की गुणवत्ता में सुधार आएगा और मरीजों को त्वरित व सुरक्षित इलाज मिल सकेगा.
रिम्स में हर महीने 70% सर्जरी दूसरे जिलों के मरीजों की
रिम्स के आंकड़ों के अनुसार, हर महीने होने वाली 70% सर्जरी ऐसे मरीजों की होती हैं, जो झारखंड के अन्य जिलों से रेफर होकर आते हैं. पिछले एक महीने में रिम्स में 400 से अधिक मेजर और माइनर सर्जरी हुईं, जिनमें 270 से 275 मरीज अन्य जिलों से आए थे. इसका मुख्य कारण यह है कि अब तक अधिकांश जिलों में मॉड्यूलर ओटी की सुविधा नहीं थी. नई नीति के लागू होने के बाद, इन जिलों के मरीजों को अपने ही जिले में ऑपरेशन की सुविधा मिलने लगेगी.
मॉड्यूलर ओटी क्यों जरूरी है?
मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, अस्पतालों में सर्जरी करने का एक आधुनिक तरीका है. यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस होता है, जिससे ऑपरेशन के दौरान संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. मॉड्यूलर ओटी में उन्नत एयर फिल्ट्रेशन सिस्टम, तापमान नियंत्रण, एंटी-माइक्रोबियल वॉल्स और मॉडर्न सर्जिकल इक्विपमेंट होते हैं, जिससे सर्जरी अधिक सुरक्षित और प्रभावी हो जाती है.
मॉड्यूलर ओटी की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि:
• संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है.
• सर्जरी के लिए सभी आधुनिक उपकरण उपलब्ध होते हैं.
• ऑपरेशन की सफलता दर बढ़ती है.
• रोगियों को तेज और बेहतर इलाज मिलता है.
• मरीजों को लंबे समय तक अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं पड़ती.
भवन निर्माण विभाग ने तय किया नौ महीने का लक्ष्य
सरकार ने इस परियोजना के लिए भवन निर्माण विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है. भवन निर्माण विभाग ने नौ महीने के भीतर सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में मॉड्यूलर ओटी का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए प्रत्येक जिले के भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता की देखरेख में काम किया जाएगा.
क्या होंगे इस योजना के लाभ?
मरीजों को अब सर्जरी के लिए राजधानी रांची या अन्य बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
• झारखंड के सभी जिला अस्पतालों में अत्याधुनिक सर्जरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
• रिम्स और अन्य बड़े अस्पतालों पर मरीजों का दबाव कम होगा.
• आपातकालीन सर्जरी के लिए मरीजों को त्वरित इलाज मिल सकेगा.
• कम खर्च में लोगों को अपने ही जिले में इलाज की सुविधा मिलेगी.