रांची सदर अस्पताल में जल्द शुरू होगा बोन मैरो ट्रांसप्लांट, मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर….

रांची के सदर अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने जा रही है. यह राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम होगा. इस सेवा के शुरू होने से झारखंड के मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों के चिकित्सकों ने इस सेवा को सदर अस्पताल में शुरू करने की इच्छा जाहिर की है और इस संबंध में एक विस्तृत योजना भी साझा की गई है.

झारखंड में पहली बार सरकारी अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा

वर्तमान में राज्य में कोई भी सरकारी अस्पताल बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं देता है. यह एक बहुत महंगा इलाज है, जिसके कारण मरीजों को निजी अस्पतालों या मेट्रो शहरों की ओर रुख करना पड़ता है. अगर यह सेवा सदर अस्पताल में शुरू होती है, तो मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही उच्च गुणवत्ता वाला इलाज मिल सकेगा, जिससे उनके समय और धन दोनों की बचत होगी. रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार के अनुसार, चिकित्सकों के इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. अगर यह योजना सफल होती है, तो यह झारखंड के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होगी.

बोन मैरो ट्रांसप्लांट क्या है?

बोन मैरो ट्रांसप्लांट (BMT) एक जटिल चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें रोगी के खराब बोन मैरो को स्वस्थ बोन मैरो से बदला जाता है. बोन मैरो शरीर की हड्डियों के अंदर पाया जाने वाला एक स्पंजी पदार्थ होता है, जो रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है. जब बोन मैरो सही ढंग से काम नहीं करता या पर्याप्त रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता, तब मरीज को बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. इस प्रक्रिया में डोनर और मरीज का बोन मैरो मैच होना जरूरी होता है. इसके अलावा, एचएलए (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) का मेल भी आवश्यक होता है.

किन बीमारियों के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट जरूरी होता है?

बोन मैरो ट्रांसप्लांट कई गंभीर बीमारियों के इलाज में मददगार होता है, जिनमें शामिल हैं:

• ल्यूकेमिया – यह रक्त और बोन मैरो का कैंसर होता है.

• लिंफोमा – यह संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाओं का कैंसर है.

• एक्यूट लिम्फोटिक ल्यूकेमिया – यह बच्चों में होने वाला एक प्रकार का रक्त कैंसर है.

• अप्लास्टिक एनीमिया – इसमें बोन मैरो पर्याप्त रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता.

चिकित्सकों को मिलेगा उच्च स्तरीय प्रशिक्षण

इस नई सेवा के शुरू होने से सदर अस्पताल के चिकित्सकों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा. विशेषज्ञ चिकित्सक ऑपरेशन के दौरान स्थानीय डॉक्टरों की मदद करेंगे और उन्हें ट्रांसप्लांट से जुड़ी सभी बारीकियों की जानकारी देंगे. इसके अलावा, मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में आवश्यक उपकरण भी स्थापित किए जाएंगे, ताकि ऑपरेशन के दौरान किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े.

हर महीने 2-3 मरीजों को मिलेगा फायदा

चिकित्सकों के अनुसार, रांची में हर महीने बोन मैरो ट्रांसप्लांट के 2 से 3 मरीज सामने आते हैं. फिलहाल इन मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता है. लेकिन यह सुविधा शुरू होने से मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिल सकेगा.

नई सुविधा से मरीजों को होंगे ये फायदे

  • महंगे इलाज के लिए दूसरे शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
  • समय और पैसे दोनों की बचत होगी.
  • झारखंड के मरीजों को अपने ही राज्य में उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी.
  • सरकारी अस्पताल में यह सुविधा मिलने से गरीब मरीजों को राहत मिलेगी.
  • स्थानीय चिकित्सकों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट में विशेषज्ञता हासिल होगी.

राज्य में चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा कदम

बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी सुविधा का सरकारी अस्पताल में उपलब्ध होना झारखंड के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी. यह स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाएगा और गरीब मरीजों को सस्ती एवं सुलभ चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराएगा.

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