बिजली चोरी में हजारीबाग अव्वल, रांची दूसरे स्थान पर

झारखंड में बिजली चोरी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य भर में जनवरी 2025 में कुल 2572 मामलों में 4.37 करोड़ रुपये की बिजली चोरी पकड़ी गई। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के अनुसार, हजारीबाग जिला बिजली चोरी के मामलों में पहले स्थान पर है, जबकि रांची जिला दूसरे स्थान पर है।

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हजारीबाग में सबसे अधिक मामले दर्ज
हजारीबाग जिले में जनवरी महीने में 313 बिजली चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं, जो राज्य में सबसे अधिक हैं। वहीं, रांची में 285 मामले सामने आए हैं। अन्य जिलों में गुमला में 118, जमशेदपुर में 207, चाईबासा में 150, चास में 227, डालटनगंज में 215, गढ़वा में 98, दुमका में 101, साहिबगंज में 138, गिरिडीह में 108, देवघर में 217, रामगढ़ में 151 और कोडरमा में सबसे कम 95 मामले दर्ज किए गए हैं।

राज्य में हर साल 50 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी
जेबीवीएनएल के अनुसार, रांची में हर महीने लगभग 45 लाख रुपये की बिजली चोरी हो रही है। पूरे राज्य में हर साल 50 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी होती है, जिससे सरकार को बड़ा नुकसान हो रहा है। जनवरी में बिजली चोरी की रोकथाम के लिए 13,295 घरों में छापेमारी की गई, जिसमें 2572 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई।

बिजली चोरी पर लगा 4.37 करोड़ रुपये का जुर्माना
जेबीवीएनएल ने बिजली चोरी के मामलों में कुल 4.37 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। हजारीबाग में 58.81 लाख, रांची में 45.51 लाख, देवघर में 51.73 लाख, जमशेदपुर में 43.59 लाख, चास में 34.15 लाख और डालटनगंज में 33.91 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है।

जेबीवीएनएल ने मांगा सहयोग
बिजली चोरी को रोकने के लिए जेबीवीएनएल ने आम जनता से सहयोग मांगा है। जेबीवीएनएल के जीएम श्रवण कुमार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिजली चोरी की जानकारी मोबाइल नंबर 94311-35515 पर दे सकता है। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

117 टीमों ने की छापेमारी
जनवरी में बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए जेबीवीएनएल ने कुल 117 टीमों का गठन किया था। इन टीमों ने विभिन्न जिलों में छापेमारी कर बिजली चोरी के मामलों का खुलासा किया। लेकिन इसके बावजूद बिजली चोरी की समस्या पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पा रही है।

सरकार और जेबीवीएनएल की कड़ी कार्रवाई जरूरी
बिजली चोरी की बढ़ती घटनाओं से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। जेबीवीएनएल लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन इसे पूरी तरह से रोकने के लिए सख्त कानून और जनसहयोग की आवश्यकता है।

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