अमेरिकी विमान से भारतीयों को बेड़ियों में बांधकर लाना देश का अपमान: सुप्रियो

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों के रूप में भारतीय नागरिकों को बेड़ियों में जकड़कर वापस भेजे जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे देश का अपमान बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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गुरुवार को झामुमो कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह घटना 5 फरवरी को घटी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज में महाकुंभ में डुबकी लगा रहे थे। उसी समय, अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी सेना के विमान से बेड़ियों में जकड़े भारतीय नागरिक उतारे गए। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा इस तरह भारतीय नागरिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाना न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह मोदी सरकार की विदेश नीति की असफलता को भी दर्शाता है।

मोदी सरकार की विदेश नीति पर उठाए सवाल

सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार ने जवाहरलाल नेहरू के समय से चली आ रही पंचशील और इंदिरा गांधी की गुटनिरपेक्षता की नीति को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज की सरकार ने विदेश नीति को एक इवेंट बना दिया है, जहां सिर्फ दिखावे की कूटनीति की जा रही है।

रोजगार की कमी से विदेश पलायन बढ़ा

झामुमो नेता ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से देश में रोजगार की संभावनाएं कम होती गईं, जिसके चलते बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक दूसरे देशों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर हो गए। संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2024 तक लगभग 50 हजार भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता प्राप्त कर ली। उन्होंने कहा कि भारत से आर्थिक अपराधी फरार हो जाते हैं, लेकिन सरकार कुछ भी करने में असमर्थ नजर आती है।

अमेरिका से तुरंत बातचीत करने की मांग

सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर अमेरिका से तत्काल बातचीत करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अमेरिका में रहकर वहां के आर्थिक विकास में योगदान देने वाले भारतीयों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है, वह अमानवीय और अस्वीकार्य है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की कि वे इस गंभीर मुद्दे पर हस्तक्षेप करें और केंद्र सरकार को अमेरिका से इस संबंध में कड़ा रुख अपनाने के लिए निर्देश दें।

उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार भारतीय नागरिकों की गरिमा की रक्षा नहीं कर सकती, तो यह विदेश नीति की एक बड़ी विफलता होगी। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को देश के स्वाभिमान से जुड़ा मामला बताया और सरकार से इस पर त्वरित कार्रवाई करने की मांग की।

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