झारखंड में गरीब और जरूरतमंदों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ग्रीन राशन कार्ड योजना चला रही है. इस योजना के तहत 6.30 लाख ग्रीन राशन कार्डधारी परिवारों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. लेकिन, एक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि राज्य में 27.88% लाभुक अनाज का उठाव नहीं कर रहे हैं. यह आंकड़ा पिछले तीन माह (अक्टूबर-दिसंबर 2024) का है और लंबे समय से यही औसत बना हुआ है. सवाल यह उठता है कि जो लोग अनाज नहीं ले रहे हैं, वे ग्रीन राशन कार्ड क्यों बनाए हुए हैं? बताया जा रहा है कि राशन कार्ड का आयुष्मान योजना से सीधा संबंध होने के कारण लोग हर हाल में इसे रखना चाहते हैं, भले ही उन्हें अनाज की जरूरत हो या न हो. अब तो मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना भी इसमें जुड़ गई है, जिससे लोग अपने राशन कार्ड को बनाए रखना जरूरी समझते हैं.
जरूरतमंदों के लिए ग्रीन राशन कार्ड योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम (SFSA) के तहत केंद्र और राज्य सरकार झारखंड के गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध करा रही हैं. केंद्र सरकार 2011 की जनगणना के आधार पर राज्य को अनाज दे रही है, लेकिन राज्य सरकार ने कई बार आग्रह किया कि वर्तमान अनुमानित जनसंख्या के आधार पर अनाज दिया जाए. जब केंद्र सरकार इस मांग को मानने को तैयार नहीं हुई, तब राज्य सरकार ने ग्रीन राशन कार्ड योजना शुरू की ताकि हर जरूरतमंद को खाद्यान्न मिल सके. शुरुआत में इस योजना की सीमा 15 लाख लाभुकों तक थी, लेकिन जरूरत को देखते हुए इसे दो वित्तीय वर्षों में बढ़ाकर 25 लाख लाभुकों तक कर दिया गया. फिलहाल 6.30 लाख परिवारों के करीब 21 लाख लाभुक इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और नियमित रूप से अनाज ले रहे हैं.
राज्य में अनाज उठाव का हाल
राज्य में ग्रीन राशन कार्डधारियों द्वारा अनाज उठाव की स्थिति संतोषजनक नहीं है. पूरे राज्य में किसी भी जिले में 90% लाभुक राशन नहीं ले रहे हैं. यदि पिछले तीन माह के औसत को देखें, तो कई जिलों की स्थिति बेहद खराब है.
सबसे कम अनाज उठाव वाले जिले:
• रांची: केवल 58.83% लाभुकों ने अनाज लिया
• सरायकेला-खरसावां: 59.01% लाभुकों ने राशन उठाया
• सिमडेगा: 63.7% लाभुकों ने अनाज लिया
• धनबाद: 64.7% लाभुकों ने चावल उठाया
इन जिलों में 34% से 40% लाभुकों ने राशन नहीं लिया है, जो चिंता का विषय है.
सबसे ज्यादा अनाज उठाने वाले जिले
कुछ जिलों में ग्रीन राशन कार्डधारी परिवारों का अनाज उठाव बेहतर स्थिति में है.
• साहिबगंज: 86.33% लाभुकों ने अनाज लिया
• पाकुड़: 85.88% लाभुकों ने राशन उठाया
• कोडरमा: 85.23% लाभुकों ने चावल लिया
• रामगढ़: 84.48% लाभुकों ने अनाज लिया
• देवघर: 82.29% लाभुकों ने राशन उठाया
• जामताड़ा: 81.48% लाभुकों ने चावल लिया
यह आंकड़े अक्टूबर-दिसंबर 2024 के औसत हैं, जो बताते हैं कि इन जिलों में ग्रीन राशन कार्डधारियों द्वारा अनाज उठाव अधिक है.
जरूरतमंदों को मिल सके राशन, सरकार की अपील
राज्य सरकार की मंशा है कि हर जरूरतमंद को मुफ्त अनाज मिले और कोई भी भूखा न रहे. लेकिन जब 27.88% लोग अनाज नहीं उठा रहे हैं, तो यह उनके वास्तविक जरूरतमंद होने पर सवाल खड़ा करता है. सरकार अब इस दिशा में कदम उठा रही है कि जो लोग अनाज नहीं ले रहे हैं, उनके कार्डों की समीक्षा की जाए ताकि सही लाभुकों को इसका फायदा मिल सके.