झारखंड उच्च न्यायालय ने राजधानी रांची में बिना स्वीकृत नक्शे के चल रहे अवैध रूफ टॉप बारों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने रांची नगर निगम को आदेश दिया कि वह इन बारों के खिलाफ कार्रवाई करे और इसकी प्रगति रिपोर्ट 27 फरवरी तक पेश करे. यह आदेश चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन ने गुरुवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए दिया. सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम ने अदालत को जानकारी दी कि रांची शहरी क्षेत्र में 36 रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं. इनमें से केवल दो बार और रेस्टोरेंट के पास ही लाइसेंस है, जबकि बाकी अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. नगर निगम ने कहा कि इन अवैध बारों को नोटिस जारी कर दिया गया है और यदि जरूरत पड़ी तो इन बारों को सील भी किया जा सकता है. इसके जवाब में अदालत ने नाराजगी जताई और नगर निगम को आदेश दिया कि वह अवैध रूफ टॉप बारों के खिलाफ कार्रवाई करे और 27 फरवरी तक इसका रिपोर्ट पेश करे. रांची नगर निगम के इस जवाब पर अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि बिना स्वीकृत नक्शे और लाइसेंस के चल रहे बारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि इन बारों के खुलने और बंद होने का समय भी तय किया जाए और यदि मादक पदार्थों की बिक्री हो रही हो तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाए.
रूफ टॉप बारों के संचालन में खामियां
रांची में रूफ टॉप बारों के संचालन में कई गंभीर खामियां पाई गई हैं. नगर निगम की टाउन प्लानिंग टीम ने अपनी जांच में पाया कि शहर की कई मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की छतों पर अवैध रूप से रूफ टॉप बार चलाए जा रहे थे. इन बारों को चलाने के लिए आवश्यक स्वीकृत नक्शा नहीं था, और न ही संबंधित भवनों का ओक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्राप्त था. इसके अलावा, बार के संचालन के लिए होल्डिंग टैक्स का निर्धारण भी नहीं किया गया था और ग्राहकों के वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं की गई थी. अग्निशमन दस्ता से एनओसी नहीं ली गई थी, जो कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, इन बारों के संचालन की जानकारी संबंधित थाना को भी नहीं दी गई थी, जिससे यदि कोई अप्रिय घटना घटे तो उसका तुरंत निपटारा किया जा सके. नगर निगम की टाउन प्लानिंग टीम ने पाया कि इन अवैध बारों के संचालन से नगर निगम को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है.
अवधि निर्धारित कर बार संचालकों को नोटिस
रांची नगर निगम ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सभी अवैध बार संचालकों को नोटिस थमाया. इसके बाद अदालत में सुनवाई शुरू हुई, जहां बार संचालकों से इस बारे में कागजात और अनुमति से संबंधित जानकारी मांगी गई. नगर निगम ने यह भी बताया कि पहले ही छह निर्धारित तारीखों पर बार संचालकों को अदालत में उपस्थित होकर अपने कागजात पेश करने के लिए कहा गया था, लेकिन वे अनुपस्थित रहे थे. अब उन्हें 8 फरवरी तक इस मामले में अपना पक्ष रखने का अंतिम अवसर दिया गया है. रांची नगर निगम के अपर प्रशासक संजय कुमार की अदालत में भी इस मामले की सुनवाई चल रही है. पिछले साल रांची शहरी क्षेत्र में 36 स्थानों पर अवैध रूफ टॉप बार के संचालन की पुष्टि की गई थी. इसके बाद नगर निगम की टाउन प्लानिंग टीम ने इन बारों का भौतिक सत्यापन किया था, जिसके परिणामस्वरूप कार्रवाई की जा रही है.
विधानसभा की ओर से दी गई सख्ती
पिछले कुछ वर्षों में झारखंड उच्च न्यायालय ने बार और रेस्टोरेंट की अनियमितताओं पर कई बार सख्ती दिखाई है. पहले भी अदालत ने रांची नगर निगम को निर्देश दिया था कि वह अवैध रूफ टॉप बारों के संचालन पर नियंत्रण लगाए. इसके अलावा, बारों के खुलने और बंद होने के समय को निर्धारित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. अदालत ने यह भी कहा था कि मादक पदार्थों की बिक्री पर भी कड़ी नजर रखी जाए और इस पर सख्त कार्रवाई की जाए. यह मामला रांची नगर निगम और राज्य सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है, क्योंकि अवैध बारों के संचालन से न केवल कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि राजस्व की भी बड़ी हानि हो रही है. ऐसे में अदालत के आदेश पर यदि समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.