झारखंड में आठवीं, नौवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन अब बिना किसी बाधा के किया जा सकेगा. राज्य सरकार ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) के नए अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है. सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, डॉ. नटवा हांसदा को झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) का नया अध्यक्ष बनाया गया है. यह नियुक्ति तीन वर्षों के लिए होगी और उनका कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगा.
झारखंड सरकार ने जारी की अधिसूचना
गुरुवार, 6 फरवरी 2025 को झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की. अधिसूचना में कहा गया है कि डॉ. नटवा हांसदा, जो कि राजकीय महिला पॉलिटेक्निक, रांची के सेवानिवृत्त प्रभारी प्राचार्य रह चुके हैं, को झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह नियुक्ति झारखंड अधिविद्य परिषद (संशोधन) अधिनियम-2006 (झारखंड अधिनियम -2, 2007) के तहत की गई है. अधिनियम की कंडिका-9 की धारा-11 (1) के प्रावधानों के अनुसार, डॉ. हांसदा को तीन वर्षों के लिए जैक बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है.
डॉ. नटवा हांसदा का कार्यकाल और अधिकार
अधिसूचना में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि डॉ. नटवा हांसदा को उनके कार्यकाल के दौरान वेतन, सेवा शर्तें और अन्य भत्ते उसी अधिनियम की कंडिका-9 की धारा-11(1) की उप-कंडिका-ग(i) के अनुसार दिए जाएंगे. यह आदेश झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के निर्देशानुसार जारी किया गया है. झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव मोईनुद्दीन खान ने अधिसूचना पर हस्ताक्षर किए हैं.
सरकार की ओर से उठाए गए प्रमुख कदम
सरकार ने अधिसूचना जारी करने के साथ ही यह सुनिश्चित किया है कि इस नियुक्ति की जानकारी राज्य के सभी संबंधित विभागों और संस्थानों तक पहुंचे. अधिसूचना की प्रतिलिपि झारखंड के प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) के कार्यालय को भी भेजी गई है ताकि आवश्यक वित्तीय प्रावधान किए जा सकें. इसके अलावा, राजकीय मुद्रणालय, डोरंडा, रांची को निर्देश दिया गया है कि इस अधिसूचना को झारखंड राजपत्र के आगामी अंक में प्रकाशित किया जाए और इसकी 200 प्रतियां स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को उपलब्ध कराई जाएं.
कौन हैं डॉ. नटवा हांसदा?
डॉ. नटवा हांसदा झारखंड के एक अनुभवी शिक्षाविद् हैं. वे राजकीय महिला पॉलिटेक्निक, रांची के सेवानिवृत्त प्रभारी प्राचार्य रह चुके हैं. शिक्षा के क्षेत्र में उनकी गहरी पकड़ और प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए सरकार ने उन्हें झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) का अध्यक्ष नियुक्त किया है. डॉ. हांसदा झारखंड के शिक्षा तंत्र से गहराई से जुड़े रहे हैं और उन्हें राज्य की शैक्षिक चुनौतियों की अच्छी समझ है. वे झारखंड के सरकारी स्कूलों और तकनीकी संस्थानों में उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए लगातार काम करते रहे हैं. उनकी नियुक्ति से झारखंड बोर्ड परीक्षाओं की निष्पक्षता और गुणवत्ता सुनिश्चित होने की उम्मीद की जा रही है.
झारखंड बोर्ड परीक्षाओं का रास्ता साफ
डॉ. नटवा हांसदा की नियुक्ति के साथ ही झारखंड बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन सुचारू रूप से होने का रास्ता साफ हो गया है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) राज्य में आठवीं, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं का संचालन करता है. पिछले कुछ समय से परिषद का स्थायी अध्यक्ष नहीं होने के कारण परीक्षाओं के आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. अब जब सरकार ने डॉ. हांसदा को जैक बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है, तो उम्मीद की जा रही है कि बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन में कोई रुकावट नहीं आएगी.
डॉ. नटवा हांसदा के सामने होंगी ये चुनौतियां
झारखंड बोर्ड की परीक्षाओं को समय पर और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराना डॉ. हांसदा के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी. इसके अलावा, राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और परीक्षाओं की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे. झारखंड के कई सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और शिक्षकों की अनुपलब्धता जैसी समस्याएं हैं. बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने और परीक्षा प्रक्रिया को डिजिटल रूप से अधिक सशक्त बनाने की दिशा में भी काम करना होगा.
राज्य सरकार की उम्मीदें
राज्य सरकार को उम्मीद है कि डॉ. नटवा हांसदा की नियुक्ति से झारखंड बोर्ड परीक्षाओं की प्रक्रिया अधिक मजबूत होगी. सरकार चाहती है कि परीक्षाओं में पारदर्शिता बनी रहे और छात्रों को समय पर रिजल्ट मिले. इसके अलावा, झारखंड बोर्ड के पाठ्यक्रम को नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप अपडेट करने, छात्रों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने और स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने की दिशा में भी डॉ. हांसदा को काम करना होगा.