सरकारी सेवकों के लिए सख्त सोशल मीडिया नीति – आचार नियमावली का उल्लंघन पड़ेगा भारी!

झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग ने राज्य के सरकारी सेवकों के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी सरकारी सेवकों को आचार नियमावली का सख्ती से पालन करना आवश्यक है। विभाग ने खासतौर पर सरकारी सेवकों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग पर सख्त पाबंदियां लगाई हैं।

‎Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P

क्या है नया निर्देश?

कार्मिक विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, एक्स, यूट्यूब, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, वीचैट, शेयरचैट, लिंकडिन आदि आज के समय में संचार एवं सूचना प्रसारण के प्रभावी माध्यम बन चुके हैं। इनका उपयोग जनसामान्य को अपने विचार व्यक्त करने, राय साझा करने और विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के लिए किया जाता है।

‎Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P

हालांकि, सरकारी सेवकों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर सीमित अधिकार दिए गए हैं। झारखंड सरकारी सेवक आचार नियमावली के तहत, सरकारी सेवकों को अपने विचार साझा करने में संयम बरतने की सख्त हिदायत दी गई है। नियम 3(1) में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकारी सेवकों को शीलनिष्ठा एवं कर्तव्यों के प्रति निष्ठा बनाए रखनी होगी तथा ऐसा कोई कार्य नहीं करना होगा जो उनके पद के लिए अशोभनीय हो।

दिए गए दिशानिर्देश:

  1. आचार नियमावली के पालन की अनिवार्यता: सरकारी सेवकों को सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते समय यह ध्यान रखना होगा कि वे सरकारी सेवक आचार नियमावली से शासित हैं और उन्हें शीलनिष्ठा बनाए रखनी होगी।
  2. सभ्य एवं मर्यादित व्यवहार: सोशल मीडिया पर सरकारी सेवकों को मर्यादा का पालन करना होगा और ऐसे पोस्ट साझा करने से बचना होगा, जिन्हें आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण या राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण माना जा सकता है।
  3. राजनीतिक एवं सांप्रदायिक गतिविधियों से दूरी: सरकारी सेवकों को किसी भी राजनीतिक, धर्मनिरपेक्षता विरोधी या सांप्रदायिक गतिविधियों का समर्थन नहीं करना चाहिए और न ही सोशल मीडिया पर उनके पक्ष में कोई पोस्ट, ट्वीट या ब्लॉग साझा करना चाहिए।
  4. सरकारी कर्तव्यों से हस्तक्षेप हो: सरकारी सेवकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी व्यक्तिगत राय सरकारी कर्तव्यों में हस्तक्षेप न करे और न ही सरकारी पक्ष का प्रतिनिधित्व करे।
  5. नीतियों की सार्वजनिक आलोचना पर रोक: सरकारी सेवकों को सरकार की किसी नीति या कार्रवाई पर सोशल मीडिया के माध्यम से चर्चा या आलोचना करने की अनुमति नहीं होगी और न ही वे इस प्रकार की चर्चाओं में भाग ले सकेंगे।

अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान

सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले सरकारी सेवकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। कार्मिक विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकारी सेवकों के आचरण को नियंत्रित करने और उनकी भूमिका को सुनिश्चित करने के लिए ये नियम आवश्यक हैं।

झारखंड सरकार ने सरकारी सेवकों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर सख्त दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इससे सरकारी सेवकों को सरकारी कार्यों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया जाएगा और अनावश्यक विवादों से बचा जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×