सांसद सामूहिक विवाह: 100 बेटियों का कन्यादान, दूल्हे पहुंचे बीएमडब्ल्यू और घोड़े पर….

बाबू कुंवर नारायण सिंह स्टेडियम (कर्जन ग्राउंड) में रविवार को आयोजित सांसद सामूहिक विवाह उत्सव में 100 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ. इस भव्य समारोह में सांसद मनीष जायसवाल ने स्वयं कन्यादान किया. समारोह में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और अनोखी बारात देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा. दूल्हे बीएमडब्ल्यू कार, घोड़े और रथ पर सवार होकर विवाह स्थल तक पहुंचे.

भव्य बारात और शानदार स्वागत

सामूहिक विवाह उत्सव की बारात बड़कागांव रोड स्थित सिमरा रेस्ट हाउस से निकली. सांसद स्वयं 100 वाहनों के काफिले में दूल्हों को लेकर विवाह मंडप तक पहुंचे. इस दौरान गाजे-बाजे और पटाखों की गूंज से माहौल उत्सवमय हो गया. हजारों बाराती झूमते-नाचते नजर आए. बारात गाड़ीखाना चौक, पुराना बस स्टैंड होते हुए स्टेडियम पहुंची, जहां मंगल ध्वनि और शहनाई की मधुर धुनों के बीच उनका स्वागत किया गया. विवाह समारोह के दौरान सांसद को माला पहनाकर सराती पक्ष की ओर से स्वागत किया गया. सांसद की पत्नी निशा जायसवाल ने भी पूरे आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई. विवाह मंडप में प्रवेश से पहले हर दूल्हे की आरती की गई और आम के पत्ते से जल छिड़ककर मंगल प्रवेश कराया गया.

विवाह की रस्में और पंडितों का मंत्रोच्चार

सामूहिक विवाह के लिए 100 अलग-अलग मंडप बनाए गए थे, जिनमें इतने ही संख्या में पंडित मौजूद थे. कोलकाता से आए पंडित राघव और उनकी टीम ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संस्कार संपन्न कराया. उन्होंने शादी के सात फेरों का महत्व हिंदी अनुवाद के माध्यम से समझाया, जिससे वहां मौजूद सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए. सांसद ने बताया कि इस भव्य समारोह में लगभग 50,000 लोग उपस्थित रहे. दो महीनों की कड़ी मेहनत और तैयारी के बाद इस आयोजन को सफल बनाया गया. शादी में आए सभी मेहमानों और बारातियों के लिए भोजन और ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई थी.

विशेष जोड़ियों की अनोखी कहानियां

दिव्यांग जोड़े का विवाह बना भावुक क्षण

इस विवाह समारोह में कुछ ऐसे जोड़े भी थे जिनकी कहानियां बेहद प्रेरणादायक थीं. दिव्यांग सोनू और पम्मी का विवाह इस आयोजन का भावुक क्षण बन गया. दोनों बैसाखी के सहारे चलते हैं और उनकी शादी नहीं हो पा रही थी. सांसद की पहल पर उनकी शादी संपन्न हुई. जब दूल्हा बीएमडब्ल्यू कार से विवाह मंडप पहुंचा, तो पम्मी भावुक होकर बोली, “मेरा पति बहुत लक्की है. “सांसद ने उन्हें ट्राई साइकिल और स्कूटी भी उपहार में दी.

मूक-बधिर और नेत्रहीन जोड़े का विवाह

एक अन्य जोड़ी सुशांत कुमार साहू और काजल कुमारी की कहानी भी बेहद प्रेरणादायक रही. सुशांत बोल और सुन नहीं सकते, जबकि काजल देख नहीं सकती. इनके परिवार वालों को कभी उम्मीद नहीं थी कि उनकी शादी संभव हो पाएगी, लेकिन सांसद की पहल पर दोनों का विवाह संपन्न हुआ. इस अनूठे मिलन ने हर किसी की आंखें नम कर दीं.

सांसद ने जताई खुशी, भविष्य में भी जारी रहेगा आयोजन

सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि समाज के सक्षम लोगों को इस तरह के सामाजिक कार्यों में योगदान देना चाहिए. उन्होंने बताया कि विवाह करने वाले अधिकतर परिवार आर्थिक रूप से कमजोर थे और उनका सपना था कि उनकी बेटियों की शादी धूमधाम से हो. सांसद ने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी ऐसे सामूहिक विवाह आयोजित किए जाएंगे ताकि जरूरतमंद परिवारों की मदद की जा सके.

राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की मौजूदगी

इस आयोजन में कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, विधायक मनोज यादव, विधायक अमित यादव और पूर्व संघ चालक श्रद्धानंद सिंह प्रमुख थे. सभी ने इस सामाजिक पहल की सराहना की.

भविष्य में भी होंगे सामूहिक विवाह

सांसद ने बताया कि यह आयोजन मात्र एक शुरुआत है. भविष्य में और भी सामूहिक विवाह आयोजित किए जाएंगे. इसके लिए समाज के सक्षम वर्ग से योगदान देने की अपील भी की गई है.

विवाह में शामिल सुविधाएं

100 मंडप: प्रत्येक जोड़े के लिए अलग विवाह मंडप बनाया गया.

• पंडितों की विशेष टीम: मंत्रोच्चार और हिंदी अनुवाद के साथ विवाह संपन्न कराया गया.

• भोजन की व्यवस्था: 50,000 से अधिक लोगों के लिए भोजन उपलब्ध कराया गया.

• ट्रांसपोर्ट सुविधा: बारातियों के लिए वाहन, नाश्ता और पानी की व्यवस्था की गई.

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