झारखंड दिवस पर झामुमो का 50 सूत्री प्रस्ताव पारित, सीएम हेमंत सोरेन रहे शामिल

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने रविवार को दुमका के गांधी मैदान में अपना 46वां झारखंड दिवस मनाया। इस अवसर पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान झामुमो ने 50 सूत्री प्रस्ताव पारित किया, जिसमें राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी), समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को झारखंड में लागू न करने की मांग उठाई गई।

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50 सूत्री प्रस्तावों में प्रमुख मांगें: झामुमो ने संताल परगना काश्तकारी अधिनियम और छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया। साथ ही, दुमका में बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक 2000 की धारा 25(3) के तहत उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित करने की मांग की गई। प्रस्तावों को मंच पर मौजूद सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से समर्थन दिया।

शिक्षा और प्रशासनिक सुधारों की मांग झामुमो ने राज्य सरकार से सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय (एसकेएमयू) के सभी शिक्षकेतर कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की मांग की। यह भी कहा गया कि झारखंड क्षेत्र में वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त की जाए। इसके अलावा, दुमका में शीघ्र कृषि विश्वविद्यालय और खेल परिसर (स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स) स्थापित करने की भी मांग उठाई गई।

दुमका को पूर्ण उपराजधानी का दर्जा देने की मांग झामुमो के 50 सूत्री प्रस्तावों में दुमका को पूर्णरूपेण उपराजधानी का दर्जा देने पर जोर दिया गया। साथ ही, मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय को प्रभावी ढंग से संचालित करने, ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना और स्पष्ट विस्थापन एवं पुनर्वास नीति लागू करने की मांग की गई। विस्थापितों को नौकरियों में प्राथमिकता देने तथा पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

सरकार को सौंपा जाएगा मांग पत्र झामुमो जिलाध्यक्ष शिव कुमार बास्की ने जनसमस्याओं और बुनियादी मांगों को मंच से पढ़कर सुनाया, जिसे उपस्थित जनसमूह ने समर्थन दिया। सभी 50 सूत्री प्रस्तावों को स्मार-पत्र के रूप में प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से सरकार को भेजने की बात कही गई, ताकि इन मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा सके।

झारखंड दिवस समारोह में झामुमो नेताओं ने संकल्प लिया कि वे राज्य की मूलभूत समस्याओं का समाधान कराने और झारखंड के अधिकारों की रक्षा करने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।

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